लखनऊ। यूपी में हर तरह की परीक्षा में धांधली और पेपर लीक रोकने के लिए योगी सरकार ने कड़े कदम उठाने का फैसला लिया है। सरकार ने नई गाइडलाइन्स जारी की है। इस पॉलिसी को गुरुवार को जारी कर दिया गया है। सीएम योगी के निर्देश पर बनी इस नीति में तय किया गया है कि एक भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारी चार अलग-अलग एजेंसियों को दी जाएगी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश समेत देशभर में परीक्षाओं के पेपर लीक के मामलों के बाद यूपी सरकार बेहद सख्त रुख अपना रही है। भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने से रोकने और धांधली खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नई नीति जारी कर दी गई है। बीते दिनों, प्रदेश में यूपी पुलिस भर्ती, आरओ-एआरओ पेपर लीक के अलावा टीजीटी पेपर लीक हो चुका है। अब नीट पीजी में कथित अनियमितता के बाद यूजीसी नेट का एग्जाम भी पेपर लीक के बाद रद्द किया जा चुका है ऐसे में सरकार पर उठ रहे सवालों के बीच ये एक बड़ा फैसला है।
नई गाइडलाइंस में कहा गया है की अब महिलाओं और दिव्यांगों के अलावा बाकी सभी अभ्यर्थियों को अपने गृह जनपद से बाहर परीक्षा देने के लिए जाना होगा। चार लाख से ज्यादा परीक्षार्थी हुए तो एग्जाम दो पालियों यानी स्ट्रीमों में करवाया जाएगा। इसके अलावा, रिजल्ट में गड़बड़ी रोकने के लिए ओएमआर शीट की स्कैनिंग परीक्षा करने वाले आयोग और बोर्ड में ही कराई जाएगी। साथ ही परीक्षा केंद्रों के लिए भी मानक तय किए गए हैं जिनमें वित्तविहीन स्कूलों और कॉलेजों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। प्रश्न पत्र पर भी कोडिंग रहेगी, इनमें यूनिक बारकोड, क्यूआर कोड, यूनिक सीरियल कोड रहेंगे। पर्चा ले जाने वाले बॉक्स की भी टैंपर प्रूफ मल्टी लेयर पैकेजिंग की जाएगी। परीक्षाओं के दौरान स्कैन हस्ताक्षर हुआ फोटो का मिलान परीक्षा केंद्र पर किया जाएगा। परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र पर ही आधार कार्ड और बायोमेट्रिक से मिलान होगा।
कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया की प्रश्न पत्र छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस में मोबाइल ले जाने पर रोक रहेगी। प्रिंटिंग प्रेस चयन में पूरी तरह से गोपनीयता बरती जाएगी। प्रेस में आने-जाने वालों की जांच होगी। सभी के पास आईडी कार्ड होना अनिवार्य होगा। प्रेस के चारों और सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा उसकी रिकॉर्डिंग 1 साल सुरक्षित रखी जाएगी। हर परीक्षा के लिए दो से ज्यादा सेटों में पर्चे छपवाए जाएंगे। परीक्षा से कुछ देर पहले ही तय किया जाएगा कौन से सेट का पर्चा भेजा जाए। परीक्षा केंद्र रेलवे, बस स्टेशन और कोषागार से 10 किलोमीटर के अंदर ही होगा. यह पॉलिसी सरकार के कार्मिक विभाग में तैयार की गई है।