वाराणसी(काशीवार्ता)।उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बरसात के मौसम में होने वाली मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए परिषदीय विद्यालयों में विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस अभियान का उद्देश्य डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सरकार द्वारा विद्यालयों में फुल आस्तीन के कपड़ों की अनिवार्यता, साफ-सफाई और जागरूकता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही, समुदाय और स्थानीय निकायों के सहयोग से इस अभियान को सफल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
फुल आस्तीन के कपड़ों की अनिवार्यता
सरकार ने विद्यालयों में बच्चों को फुल आस्तीन के कपड़े पहनकर आने के लिए प्रेरित किया है, ताकि मच्छरों के काटने से बचाव किया जा सके। बरसात के मौसम में जलभराव के कारण मच्छरों का पनपना एक आम समस्या है, जो डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ाता है। बच्चों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए इस तरह के कदम बेहद जरूरी माने गए हैं।
विद्यालय परिसरों में साफ-सफाई और जलभराव की रोकथाम
सरकार ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया है कि विद्यालय परिसरों में जलभराव की समस्या होने पर तुरंत जल निकासी की व्यवस्था की जाए। साथ ही, मच्छर रोधी दवाओं का छिड़काव भी करवाया जाए। फॉगिंग की विशेष व्यवस्था भी की गई है, ताकि मच्छरों से बचाव किया जा सके। इसके अलावा, स्कूल के गमलों, टायरों और अन्य जगहों में पानी इकट्ठा न होने देने के भी निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षक-अभिभावक जागरूकता अभियान
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निर्देशन में शिक्षक-अभिभावक बैठकों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अभिभावकों को डेंगू और मलेरिया के खतरों से अवगत कराया जा रहा है और उन्हें यह समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि बच्चों को फुल आस्तीन के कपड़े पहनाकर स्कूल भेजना जरूरी है। साथ ही, बच्चों में बुखार या सिरदर्द के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
स्थानीय निकायों और पंचायतों से समन्वय
अभियान को सफल बनाने के लिए स्थानीय निकायों से समन्वय स्थापित किया जा रहा है। विद्यालय परिसरों में फॉगिंग और साफ-सफाई की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए निकायों का सहयोग लिया जा रहा है। साथ ही, पंचायत स्तर पर विशेष बैठकों का आयोजन कर अभिभावकों को जागरूक करने और उन्हें बच्चों की सुरक्षा के प्रति सजग बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
समुदाय का सहयोग लेने पर जोर
इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कर्मचारी और अन्य सामाजिक संगठनों के सहयोग पर जोर दिया है। अभिभावकों, विशेष रूप से माताओं को प्रेरित किया जा रहा है कि वे बच्चों को सुरक्षित रूप से स्कूल भेजने की व्यवस्था करें। पंचायत स्तर पर आयोजित बैठकों के माध्यम से अभिभावकों को मौसमी बीमारियों से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं।
योगी सरकार का यह कदम बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो सामुदायिक सहयोग और स्थानीय प्रशासन के समन्वय से प्रभावी रूप से संचालित किया जा रहा है।