लखनऊ, 3 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, गोचर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए एक विशेष अभियान चलाने जा रही है। प्रदेशभर में 65,177 हेक्टेयर गोचर भूमि मौजूद है, जिसमें से अब तक 27,688.75 हेक्टेयर भूमि को कब्जामुक्त किया जा चुका है। मुख्यमंत्री योगी ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने और इस अभियान की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान की प्रॉपर मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाएगी और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को प्रतिदिन अभियान की प्रगति रिपोर्ट शासन को सौंपने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा, सीएम योगी ने गोवंश को बेहतर चारा, भूसा और पौष्टिक पशुआहार की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।
गोचर भूमि की वर्तमान स्थिति
प्रदेश में 65,177 हेक्टेयर गोचर भूमि के अंतर्गत कई जिलों में बड़ी मात्रा में भूमि मौजूद है। उदाहरणस्वरूप, हरदोई में 4,599 हेक्टेयर, कानपुर नगर में 3,678 हेक्टेयर, रायबरेली में 3,349 हेक्टेयर, लखनऊ में 3,077 हेक्टेयर, फतेहपुर में 2,805 हेक्टेयर और अमेठी में 2,005 हेक्टेयर भूमि है। अब तक कुल गोचर भूमि का लगभग 42.48 प्रतिशत यानी 27,688.75 हेक्टेयर कब्जामुक्त किया जा चुका है, जबकि 37,488.25 हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त करने के लिए अभियान जारी रहेगा।
अभियान की मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा कि अभियान की नियमित मॉनिटरिंग होनी चाहिए, जिसके लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। नोडल अधिकारी प्रतिदिन अभियान की रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे, जिससे सही दिशा में काम किया जा सके। इस अभियान को जिलावार तरीके से संचालित किया जाएगा, जिसमें गोचर भूमि की सूची तैयार की जा रही है ताकि स्पष्ट हो सके कि किस जिले में कितनी भूमि पर अवैध कब्जा है।
गोवंश के लिए बेहतर व्यवस्था
इसके अतिरिक्त, सीएम योगी ने कहा कि गोवंश की देखभाल के लिए हरा चारा, भूसा और पानी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही निराश्रित गोवंश का सही आंकलन कर गो-आश्रय स्थलों में अतिरिक्त शेड बनाए जाएंगे और सफाई व्यवस्था भी बेहतर होनी चाहिए। मृत गोवंश को सम्मानपूर्वक दफनाने की भी उचित व्यवस्था की जाएगी।
इस अभियान के तहत राज्य सरकार का लक्ष्य है कि गोचर भूमि को पूरी तरह से कब्जामुक्त कर किसानों और पशुपालकों के लिए इसे उपलब्ध कराया जा सके, जिससे प्रदेश में गोवंश की देखभाल में सुधार हो सके।