लखनऊ, 23 दिसंबर। योगी सरकार ने प्रदेश में लंबित स्टाम्प वादों के निस्तारण और राजस्व वसूली को गति देने के लिए स्टाम्पवाद समाधान योजना शुरू की है। यह योजना 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी। इस योजना के तहत पक्षकार बिना अर्थदंड और जुर्माने का भुगतान किए मुकदमों से छुटकारा पा सकते हैं। पक्षकार केवल स्टाम्प की मूल धनराशि जमा कर मामले को समाप्त करवा सकते हैं।
राज्य के विभिन्न राजस्व न्यायालयों में कुल 53,631 स्टाम्प वाद लंबित हैं। इनमें मण्डलीय राजस्व न्यायालय में 4,553 मामले, जिलाधिकारी राजस्व न्यायालय में 8,169 मामले, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) के न्यायालय में 17,643 मामले, सहायक आयुक्त स्टाम्प के राज्य न्यायालय में 22,731 मामले और मा. सी.सी.आर.ए. प्रयागराज में 535 मामले लंबित हैं।
समाधान योजना के फायदे
इस योजना के तहत पक्षकारों को मुकदमों में देरी के चलते बढ़ने वाले ब्याज से राहत मिलेगी। स्टाम्प शुल्क जमा करने के बाद न्यायालय संबंधित मामले का निस्तारण आदेश जारी करेगा और पक्षकार मुकदमे से मुक्त हो जाएंगे। योजना से न केवल लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा होगा, बल्कि सरकार को स्टाम्प की मूल धनराशि भी समय पर प्राप्त हो सकेगी।
प्रक्रिया और उद्देश्य
पक्षकारों को स्टाम्प शुल्क की मूल धनराशि जमा करनी होगी, जिसके बाद संबंधित न्यायालय मुकदमे का निपटारा कर देगा। योजना का उद्देश्य न्यायालयों में मामलों का बोझ कम करना और राज्य की राजस्व वसूली को बढ़ावा देना है।
योगी सरकार की इस पहल से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी, पक्षकारों को राहत मिलेगी, और सरकार को वित्तीय लाभ होगा। यह योजना जनता और सरकार दोनों के लिए एक सकारात्मक कदम साबित होगी।