लखनऊ, 7 जुलाई।* उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार अब लखनऊ स्थित राज्य संग्रहालय के 360 वर्चुअल टूर की व्यवस्था करने जा रही है। ‘म्यूजियम ऐट फिंगरटिप्स’ की यह परियोजना लोगों को उनके गैजेट्स से ही राज्य संग्रहालय के तमाम आर्टिफैक्ट्स, बिल्डिंग फ्लोर्स तथा परिसर के अन्य हाइलाइट्स को देखने में मदद मिलेगी। इस परियोजना को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश संग्रहालय निदेशालय, संस्कृति विभाग ने उत्तर प्रदेश सिस्टम डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (यूपीडेस्को) को कार्य सौंपा है। यूपीडेस्को द्वारा इस कार्य को शॉर्ट टर्म नोटिस के आधार पर पहले से इंपैनल्ड कंपनियों द्वारा करवाया जाएगा और सॉफ्टवेयर निर्माण समेत विभिन्न प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए सर्विस प्रोवाइडर एजेंसी के निर्धारण व कार्यावंटन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस प्रक्रिया को एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन के बाद 90 दिनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उल्लेखनीय है कि 360 डिग्री वर्चुअल म्यूजियम टूर आपके अपने स्थान पर आराम से म्यूजियम को एक्सप्लोर करने का एक अविश्वसनीय तरीका है। ये टूर आमतौर पर संग्रहालय के हॉल और गैलरी में घूमने के अनुभव को अनुकरण करने के लिए पैनोरमिक इमेज का उपयोग करते हैं।
पैनोरैमिक व 360 डिग्री कैप्चर की प्रक्रिया निभाएगी महत्वपूर्ण भूमिका
परियोजना के अंतर्गत, वर्चुअल टूर के दौरान अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी भी ऐतिहासिक कलाकृति पर क्लिक या टैप करके उन्हें, नज़दीक से देखने के लिए ज़ूम इन कर सकते हैं और कभी-कभी विवरण बॉक्स जैसी अतिरिक्त मल्टीमीडिया सामग्री तक भी पहुँच सकते हैं। प्रस्तावित 360 डिग्री वर्चुअल म्यूजियम टूर का उद्देश्य आगंतुकों के लिए एक इंटरैक्टिव और विज़ुअल रूप से आकर्षक अनुभव प्रदान करना है, जिससे वे अपने कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस की सुविधा से लखनऊ के राज्य संग्रहालय के विभिन्न तथ्यों का आवलोकन कर सकें। यह तकनीक उपयोगकर्ताओं को विभिन्न प्रदर्शनों के माध्यम से सहजता से नेविगेट करने, कलाकृतियों पर ज़ूम इन करने और संग्रहालय को गतिशील और इमर्सिव तरीके से अनुभव करने में सक्षम बनाएगी। परियोजना का लक्ष्य एक व्यापक आभासी अनुभव प्रदान करना है जो राज्य संग्रहालय, लखनऊ की भौतिक यात्रा को प्रतिबिंबित करता है। इससे दुनिया भर के लोग अपने घरों में आराम से इसकी दीर्घाओं, प्रदर्शनियों और ऐतिहासिक कलाकृतियों का पता लगा सकें।
यूजर फ्रेंडली इंटरफेस किया जाएगा विकसित
इस परियोजना के अंतर्गत विविध दर्शकों के लिए कला, इतिहास और संस्कृति से जुड़ने के लिए एक सुलभ और शैक्षिक मंच प्रदान किया जाएगा। संग्रहालय की ऑनलाइन उपस्थिति और वैश्विक पहुंच को बढ़ावा भी मिलेगा और प्रस्तावित वर्चुअल टूर की प्रक्रिया को यूजर फ्रेंडली इंटरफेस के हिसाब से विकसित किया जाएगा। वर्चुअल टूर सॉफ़्टवेयर पैनोरमिक छवियों और वीडियो के माध्यम से कार्य करता है और फ़्लोर प्लान, हॉटस्पॉट और मल्टीमीडिया एकीकरण जैसी सुविधाएँ भी इसके अंतर्गत आएंगी। इस कार्य को पूरा करने के लिए उच्च-रिज़ॉल्यूशन 360-डिग्री फ़ोटोग्राफ़ी और वीडियोग्राफ़ी का उपयोग किया जाएगा। उपयोगकर्ताओं को वर्चुअल रूप से घूमने और विभिन्न कोणों से संग्रहालय को देखने में मदद मिलेगी। यूजर फ्रेंडली इंटरफेस के निर्माण के जरिए विजिटर्स को विभिन्न में आसानी से नेविगेट करने की अनुमति देता है। क्लिक-एंड-ड्रैग मूवमेंट, आर्टिफ़ैक्ट इनफॉर्मेशन प्वॉइंट कलाकृतियों के विस्तृत विवरण, ऐतिहासिक संदर्भ और वीडियो या ऑडियो क्लिप जैसी मल्टीमीडिया सामग्री प्रदान करेगा। इसके साथ ही, वर्चुअल टूर डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट और स्मार्टफोन सहित विभिन्न डिवाइस से एक्सेस करने योग्य हो इसको लेकर भी परियोजना के अंतर्गत कार्य किया जाएगा।