15 नवंबर को काशी में मनाई जाएगी दिव्य देव दीपावली
वाराणसी, 21 सितंबर: काशी नगरी के 84 से अधिक घाट इस साल 15 नवंबर को होने वाली देव दीपावली पर 12 लाख दीपों की रोशनी से जगमगाएंगे। योगी सरकार ने इस विशेष आयोजन को दिव्य और भव्य बनाने के लिए प्रांतीय मेला का दर्जा दे दिया है। देव दीपावली काशी में मनाया जाने वाला ऐसा त्योहार है, जिसे देखने के लिए न केवल देश बल्कि विदेश से भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। इस बार काशी के घाटों को न केवल तेल के दीपों से रोशन किया जाएगा, बल्कि तीन लाख दीप गाय के गोबर से बने होंगे, जो स्वदेशीता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगे।
देव दीपावली काशी के अर्धचंद्राकार घाटों पर हर साल दिवाली के पंद्रह दिन बाद मनाई जाती है। कहा जाता है कि इस दिन स्वयं देवता काशी के घाटों पर उतरते हैं और दीपों की रोशनी में भगवान शिव की महिमा का गुणगान करते हैं। इस वर्ष यह आयोजन 15 नवंबर को होगा। घाटों की यह अलौकिक छटा न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी काशी के लिए अत्यधिक लाभकारी है।
गाय के गोबर से बने होंगे तीन लाख दीप
पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र कुमार रावत के अनुसार, इस साल 12 लाख दीपों में ढाई से तीन लाख दीप गाय के गोबर से बने होंगे। इसके साथ ही गंगा के पार रेत पर भी दीप जलाए जाएंगे, जिससे घाट का पूर्वी क्षेत्र भी पूरी तरह से रोशनी में नहाएगा। इस आयोजन के दौरान घाटों की सफाई और सजावट भी विशेष रूप से की जाएगी। घाटों को फसाड लाइट और इलेक्ट्रिक लाइट से भी सजाया जाएगा, जिससे उनकी ऐतिहासिक महत्ता और सुंदरता और भी बढ़ जाएगी।
ग्रीन आतिशबाजी और लेजर शो होगा आकर्षण का केंद्र
देव दीपावली पर इस वर्ष का प्रमुख आकर्षण ग्रीन आतिशबाजी और लेजर शो होगा। इस शो में गंगा अवतरण और भगवान शिव की महिमा को दर्शाया जाएगा। डिप्टी डायरेक्टर पर्यटन ने बताया कि गंगा पार रेत पर प्रदूषण मुक्त ग्रीन आतिशबाजी होगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा। यह आतिशबाजी पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित की जाएगी।
लेजर शो के माध्यम से भी घाटों पर गंगा अवतरण और शिव महिमा की अद्भुत कहानियां दिखाई जाएंगी। यह शो न केवल दर्शकों के लिए मनोरंजक होगा, बल्कि उन्हें काशी की सांस्कृतिक धरोहर और पौराणिक कथाओं से भी जोड़ने का काम करेगा। काशी के घाटों की अनोखी छटा को निहारने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक यहां आते हैं, और इस बार यह संख्या और भी बढ़ने की उम्मीद है।
होटल, गेस्ट हाउस, बोट और क्रूज होंगे फुल
देव दीपावली के अवसर पर काशी के होटल, गेस्ट हाउस, नाव, बजड़ा, बोट और क्रूज सभी पूरी तरह बुक हो जाते हैं। इस अवसर पर वाराणसी में पर्यटन का चरम देखा जाता है। हजारों की संख्या में लोग गंगा किनारे की अद्भुत रोशनी को देखने के लिए आते हैं। इसके अलावा, घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा, जो इस दिव्य आयोजन की गरिमा और भव्यता को और भी बढ़ाएगा।
योगी सरकार के नेतृत्व में देव दीपावली अब न केवल काशी की एक परंपरा रह गई है, बल्कि यह एक वैश्विक आयोजन बन चुका है, जो भारतीय संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण और स्वदेशीता को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी आकर्षित करता है।