संकट में फंसी महिलाओं को सुरक्षित ठिकाना देगी योगी सरकार

नारी सुरक्षा को संबल देंगे ‘सखी निवास’, प्रदेश के नौ जिलों में जल्द स्थापित होंगे आवासीय केंद्र

भोजन, वस्त्र, चिकित्सा से लेकर स्किल ट्रेनिंग तक, एक ही छत के नीचे मिलेगी सभी सुविधाएं

पुनर्वास से आत्मनिर्भरता की राह तक ‘सखी निवास’ बनाएगा महिलाओं को सशक्त

लखनऊ, 20 अप्रैल: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार लगातार महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण को प्राथमिकता देते हुए योजनाएं लागू कर रही हैं। इसी क्रम में मिशन शक्ति योजना के अंतर्गत अब प्रदेश के नौ प्रमुख जिलों में 50-50 की क्षमता वाले ‘सखी निवास’ आरंभ किए जाएंगे। यह पहल विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए है, जो संकट की घड़ी में सामाजिक, कानूनी या पारिवारिक संरक्षण से वंचित हैं। इन ‘सखी निवास’ केंद्रों की स्थापना केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से 60:40 के अनुपात में वित्त पोषित की जा रही है।

आगामी वित्तीय वर्ष से इन 9 जिलों में शुरू होगा सखी निवास
आगामी वित्तीय वर्ष से जिन जिलों में सखी निवास शुरू होने जा रहे हैं, उनमें राजधानी लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, आगरा, बरेली, मेरठ, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर शामिल हैं। इन सभी जिलों का चयन जनसंख्या, शहरीकरण और महिला संबंधित मामलों की संख्या को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

क्या है ‘सखी निवास’ का उद्देश्य
‘सखी निवास’ का मुख्य उद्देश्य संकटग्रस्त महिलाओं को सुरक्षित और संरक्षित वातावरण प्रदान करना है। इन आवासीय केंद्रों में उन्हें अस्थायी रूप से रहने, भोजन, वस्त्र और चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएंगी। यह व्यवस्था उन्हें नई शुरुआत करने के लिए मानसिक, सामाजिक और व्यावसायिक रूप से तैयार करेगी।

पुनर्वास के साथ सशक्तिकरण का भी ध्यान
‘सखी निवास’ सिर्फ रुकने की जगह नहीं, बल्कि पुनर्वास और आत्मनिर्भरता की ओर पहला कदम भी होगा। यहां निवास करने वाली महिलाओं को आवश्यकतानुसार काउंसलिंग, कानूनी सहायता और स्किल डवलपमेंट से जुड़े प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे। इनमें सिलाई-कढ़ाई, कंप्यूटर, ब्यूटी पार्लर, हस्तशिल्प जैसे रोजगारपरक प्रशिक्षण शामिल होंगे, जो उन्हें स्वावलंबी बनाएंगे। मिशन शक्ति की प्रभावशाली
‘सखी निवास’ केंद्र मिशन शक्ति योजना की महत्वपूर्ण कड़ी बनकर उभरेंगी। मिशन शक्ति के माध्यम से पहले ही वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन, पुलिस हेल्प डेस्क जैसी व्यवस्थाएं शुरू की जा चुकी हैं, जिन्होंने हजारों महिलाओं को समय पर सहायता पहुंचाई है। अब सखी निवास के जुड़ने से यह नेटवर्क और मजबूत होगा।

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