मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के सतुआ बाबा गोशाला डोमरी में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा में शामिल होकर पौराणिक कथाओं के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ये कथाएं राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करती हैं और राष्ट्रधर्म को मजबूत बनाती हैं। उन्होंने व्यासपीठ पर विराजमान पं. प्रदीप मिश्र को इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह यात्रा सनातन धर्म व भारत के लिए इसी वृहद रूप में जारी रहे।
योगी ने कहा कि पावन कथाओं के माध्यम से समाज में सामाजिक समता और अनुशासन का संदेश प्रसारित हो रहा है। उन्होंने कहा कि परमभक्त की सबसे बड़ी पहचान अनुशासन में है। अनुशासित व्यक्ति भौतिक द्रव्यों पर भी नियंत्रण रखता है। उन्होंने इस आयोजन को जाति, क्षेत्र और भाषा के नाम पर समाज को बांटने वालों के लिए आंखें खोलने वाला बताया।
मुख्यमंत्री ने आगामी महाकुंभ 2025 का उल्लेख करते हुए इसे दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सामाजिक समागम बताया। उन्होंने कहा कि काशी की इस कथा के माध्यम से महाकुंभ के दर्शन हो रहे हैं। यह आयोजन सनातन धर्म, सामाजिक समता और राष्ट्रधर्म का प्रतीक है।
सीएम योगी ने भगवान वेदव्यास के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि उन्होंने वेदों, महाभारत, और श्रीमद्भागवत महापुराण के माध्यम से धर्म, भक्ति और वैराग्य का संदेश दिया। वेदव्यास ने हमेशा धर्म और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विहंगम दृश्य इस बात का प्रमाण है कि भारतीय समाज धर्म, समाज और राष्ट्र की पवित्र परंपराओं को संजोए हुए है। उन्होंने श्रद्धालुओं की आस्था को देखकर कहा कि ऐसे आयोजन राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का आदर्श उदाहरण हैं।