मुख्यमंत्री ने विश्व पर्यटन दिवस पर दी शुभकामनाएं
लखनऊ, 27 सितंबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि उत्तर प्रदेश न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन गया है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 46 करोड़ से अधिक पर्यटक उत्तर प्रदेश में आए, जो कि राज्य की धार्मिक, आध्यात्मिक, हेरिटेज और ईको टूरिज्म की बढ़ती पहचान को दर्शाता है।
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, भारत की आध्यात्मिक और धार्मिक परंपरा का हृदय स्थल है, जिसमें काशी, अयोध्या, मथुरा, कुशीनगर और प्रयागराज जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल शामिल हैं। इसके अलावा, हेरिटेज टूरिज्म के रूप में झांसी, आगरा, फतेहपुर सीकरी और लखनऊ के इमामबाड़ा जैसी ऐतिहासिक धरोहरें भी पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं।
पर्यटन: विरासत और विकास का समन्वय
मुख्यमंत्री ने पर्यटन को विकास का महत्वपूर्ण अंग बताते हुए कहा कि पर्यटकों के आने से रोजगार सृजन के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूपी में पर्यटन गतिविधियों का उद्देश्य केवल स्थलों का भ्रमण नहीं है, बल्कि यह राज्य की समृद्ध विरासत और विकास का बेहतरीन समन्वय प्रस्तुत करता है। रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट, बौद्ध सर्किट और जैन सर्किट जैसे धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन स्थलों के माध्यम से राज्य ने देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित किया है।
उन्होंने बताया कि काशी में बाबा विश्वनाथ धाम, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि और वृंदावन, गोकुल, बरसाना जैसे स्थल दुनिया भर के पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण बन गए हैं।
महाकुंभ: दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन
योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 के आयोजन की तैयारियों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि प्रयागराज में 2025 में मकर संक्रांति से 26 फरवरी तक लगने वाले महाकुंभ के दौरान 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन बताया गया है, जो पूरी दुनिया के लोगों को भारत की आध्यात्मिक धरोहर से जोड़ता है।
बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती और कौशाम्बी जैसे स्थल विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। इसके साथ ही, जैन धर्म के तीर्थस्थल भी यूपी में विशेष पहचान बना रहे हैं, जिनमें अयोध्या और कुशीनगर प्रमुख हैं।
हेरिटेज और ईको टूरिज्म का हब: उत्तर प्रदेश
हेरिटेज टूरिज्म के रूप में, यूपी के ऐतिहासिक किले और स्मारक जैसे झांसी का किला, आगरा का लाल किला, फतेहपुर सीकरी, प्रयागराज का किला और लखनऊ का इमामबाड़ा राज्य के समृद्ध इतिहास की कहानी कहते हैं। इसके अलावा, ईको टूरिज्म में भी उत्तर प्रदेश ने अपना खास स्थान बना लिया है। राज्य के प्रमुख ईको टूरिज्म स्थल जैसे दुधवा नेशनल पार्क, कतर्नियाघाट, सूर्य सरोवर और ओखला बर्ड सेंचुरी पर्यावरण प्रेमियों को आकर्षित कर रहे हैं।
पर्यटकों की सुविधा के लिए बेहतरीन कनेक्टिविटी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रदेश सरकार पर्यटकों की सुविधा और उनकी रुचि को ध्यान में रखते हुए बेहतरीन कनेक्टिविटी सुनिश्चित कर रही है। राज्य में रोड, रेल, वाटर और एयर कनेक्टिविटी का लगातार विस्तार किया जा रहा है, जिससे पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिल सके। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार यूपी को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पर्यटन से रोजगार सृजन और आर्थिक विकास
सीएम योगी ने कहा कि पर्यटन केवल सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों को सहेजने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह रोजगार सृजन और आर्थिक विकास का एक प्रमुख स्तंभ भी है। पर्यटकों के आगमन से राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं और स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप उत्तर प्रदेश को एक बेहतरीन टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तर प्रदेश का पर्यटन क्षेत्र न केवल राज्य के विकास में योगदान देगा, बल्कि इसे विश्वस्तरीय पहचान भी दिलाएगा। महाकुंभ 2025 इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जो राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को और मजबूत करेगा।