वाराणसी(काशीवार्ता)।नवरात्रि, हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। यह पर्व शक्ति की देवी माँ दुर्गा को समर्पित है और इसमें उनके नौ विभिन्न स्वरूपों की उपासना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन माँ दुर्गा के प्रथम रूप शैलपुत्री की पूजा होती है। यह दिन विशेष महत्त्व रखता है क्योंकि इस दिन की पूजा से न केवल माँ की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि घर में सुख-शांति और समृद्धि भी आती है। यहाँ हम चर्चा करेंगे कि नवरात्रि के पहले दिन माँ दुर्गा की पूजा कैसे करें ताकि घर में खुशियों का वास हो।
1. घर की साफ-सफाई और पूजा स्थल की तैयारी
नवरात्रि के पहले दिन की पूजा से पहले, सबसे महत्वपूर्ण है घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई। इसे शुद्ध और पवित्र बनाना आवश्यक है क्योंकि माँ दुर्गा का आगमन शुद्ध स्थानों पर ही होता है। घर के कोनों को साफ करें, पुराने सामानों को हटा दें और घर को सकारात्मक ऊर्जा से भरने का प्रयास करें। पूजा स्थल को गंगाजल या साफ पानी से धोकर पवित्र करें और वहाँ एक चौकी स्थापित करें। चौकी पर एक साफ कपड़ा बिछाएँ और माँ दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर रखें।
2. माँ दुर्गा का आवाहन
पूजा की शुरुआत करते समय सबसे पहले देवी दुर्गा का आवाहन करें। माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा इस दिन की जाती है। देवी का आवाहन करने के लिए निम्न मंत्र का उच्चारण करें:
“या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।”
इस मंत्र का जाप करते हुए माँ दुर्गा का आह्वान करें और उनसे अपने घर में आने की प्रार्थना करें।
3. कलश स्थापना
नवरात्रि की पूजा में कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। कलश को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है और इसे देवी का निवास स्थल माना जाता है। कलश को मिट्टी के बर्तन में रखकर उसमें जल, सुपारी, सिक्का, और आम के पत्ते डालें। उसके ऊपर नारियल रखें और कलश को लाल कपड़े से सजाएँ। कलश स्थापना के बाद माँ दुर्गा के सामने दीप जलाएं और पूजा की तैयारी शुरू करें।
4. पूजा सामग्री
माँ दुर्गा की पूजा में निम्नलिखित सामग्री का उपयोग किया जाता है:
- लाल कपड़ा
- फूल (विशेष रूप से लाल रंग के)
- फल (सेब, अनार आदि)
- धूप, दीप, अगरबत्ती
- नैवेद्य (मिठाई, गुड़)
- नारियल
- चंदन, रोली, सिंदूर
इन सभी सामग्री को पहले से तैयार रखें ताकि पूजा के समय कोई कमी न हो।
5. माँ दुर्गा की आराधना
पूजा स्थल पर दीप जलाकर माँ दुर्गा की आराधना करें। सबसे पहले, देवी शैलपुत्री की मूर्ति या चित्र पर चंदन, रोली और सिंदूर लगाएं। इसके बाद, उन्हें लाल फूल अर्पित करें। माँ दुर्गा को फल और मिठाइयाँ अर्पित करें और धूप-दीप से उनकी आरती करें। आरती के समय पूरे परिवार को शामिल करना शुभ माना जाता है। माँ दुर्गा के भजन और मंत्रों का जाप करें, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
6. नवदुर्गा स्तुति और दुर्गा सप्तशती का पाठ
नवरात्रि के पहले दिन माँ दुर्गा की कृपा पाने के लिए नवदुर्गा स्तुति और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है। यह पाठ देवी के विभिन्न स्वरूपों की महिमा का वर्णन करता है और उनकी शक्ति को सम्मानित करता है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी बाधाएँ दूर होती हैं।
7. भोग और प्रसाद
माँ दुर्गा को अर्पित किया गया भोग बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। पहले दिन माँ को शुद्ध घी का भोग लगाएं। यह माना जाता है कि घी का भोग लगाने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। पूजा के बाद, प्रसाद को सभी लोगों में बाँटें और घर के सदस्यों के साथ इसे ग्रहण करें।
8. पूजा के अंत में व्रत का संकल्प
नवरात्रि के पहले दिन पूजा के अंत में व्रत का संकल्प लें। अगर आप उपवास रख रहे हैं, तो उसका नियम बनाएं। इस दिन अन्न का सेवन न करें और केवल फलाहार या दूध का सेवन करें। उपवास रखने से मन की शुद्धि होती है और पूजा का फल दोगुना मिलता है।
नवरात्रि का पहला दिन माँ दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का महत्वपूर्ण समय होता है। सही विधि से पूजा करने से देवी की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। माँ दुर्गा की पूजा में श्रद्धा, भक्ति और शुद्धता सबसे आवश्यक तत्व हैं। जब आप पूरी श्रद्धा से माँ की पूजा करते हैं, तो आपके जीवन से हर प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं और खुशियाँ आपके घर में दस्तक देती हैं।