उत्तर प्रदेश राज्य को “वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाए जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के समस्त जनपदों में जुलाई से अनिगमित क्षेत्र के उद्यमों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है

जनपद में डायट जिला प्रशिक्षण केन्द्र परिसर में सोमवार से 03 दिवसीय प्रशिक्षण प्रारम्भ हुआ

   वाराणसी। उत्तर प्रदेश राज्य को "वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाए जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के समस्त जनपदों में माह जुलाई 2025 से अनिगमित क्षेत्र के उद्यमों का सर्वेक्षण (ASUSE) कराया जा रहा है। यह सर्वेक्षण राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO), MoSPI, भारत सरकार द्वारा निर्धारित पद्धति तथा मार्गदर्शन में कराया जा रहा है। अर्थव्यवस्था में जनपद स्तर पर अनिगमित क्षेत्र के योगदान के वास्तविक आंकलन हेतु कोई विश्वसनीय स्रोत उपलब्ध नहीं है।
      वर्तमान में 75 जिलों के सकल जिला घरेलू उत्पाद के अनुमान टॉप डाउन पद्धति से आंकलित किए जा रहे हैं, जिसमें राज्य स्तर के अनुमानों को क्षेत्रीय संकेताकों के आधार पर जनपदों को आवंटित किया जाता है। जनपद के अनिगमित क्षेत्र की वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता। इसलिए जनपदों की आर्थिक स्थिति के आकलन हेतु राज्य द्वारा बॉटम अप पद्धति अपनायी गयी है। ASUSE सर्वेक्षण में विनिर्माण, व्यापार तथा सेवा क्षेत्र के अनिगमित उद्यमों से महत्वपूर्ण सूचनायें यथा Gross Value Added per Enterprise, Gross Value Added per Worker आदि एकत्रित की जाएगी। इन सर्वेक्षणों से प्राप्त अनुमानों का प्रयोग जिला घरेलू उत्पाद के अनुमान तैयार करने में किया जाएगा, जो राज्य हेतु नीति निर्माण में अत्यंत उपयोगी होंगे। राज्य में प्रथम बार यह सर्वेक्षण टेबलेट पर केपी सॉफ्टवेयर के माध्यम से कराया जाएगा। उक्त के क्रम में जनपद में डायट जिला प्रशिक्षण केन्द्र परिसर में सोमवार से 03 दिवसीय प्रशिक्षण प्रारम्भ हुआ। प्रशिक्षण का शुभारम्भ मण्डलीय उपनिदेशक, अर्थ एवं संख्या डी०के० सिंह द्वारा किया गया। इस दौरान जनपद वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर एवं चन्दौली के जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में तकनीकी पहलुओं के सम्बन्ध में अरुण कुमार तिवारी एवं धर्मपाल शास्त्री, वरिष्ठ सांख्यिकीय अधिकारी एन०एस० ओ० भारत सरकार

द्वारा जानकारी दी गयी। प्रशिक्षण में समस्त सर्वेक्षकों एवं पर्यवेक्षकों को निर्देशित किया गया कि वे इस कार्य को पूर्ण मनोयोग से सम्पादित कराये, ताकि सरकार के समक्ष अनिगमित क्षेत्र के उद्यमों के सही आंकड़े प्रस्तुत हो सके।

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