कमिश्नरेट में दर्जनभर आईपीएस,फिरभी जनमानस न्याय के लिए भटक रहा है दर-दर, नहीं उठता सीयूजी नंबर
वाराणसी(काशीवार्ता)। वाराणसी कमिश्नरेट का नाम बदलने के साथ ही अधिकारियों का व्यवहार भी बदल गया हैं। हाईकोर्ट के अधिवक्ता /समाजसेवी धर्मेंद्र कश्यप का कहना है आम आदमी की समस्या से मंडलायुक्त, जिलाधिकारी व पुलिस कमिश्नर का कोई सरोकार नही है। जनता उनका सीयूजी नम्बर लगाती रहे अपनी बला से।संयोग से फोन का रिसीव हो भी गया तो एक ही आवाज आती है साहब मीटिंग में है।
जनता की इस शिकायत की सच्चाई जानने के लिए “काशीवार्ता” कार्यालय द्वारा कुछ आला अफसरों के सीयूजी नंबर पर कॉल किया गया। जिसके बाद हमे भी लोगों की बातों पर भरोसा हो गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को अपना सीयूजी नंबर खुद रिसीव करने का आदेश दिया है। फिरभी किसी की सेहत पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।
हर महीने होगी क्रास चेकिंग-सीपी
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के मुताबिक अधिकारी व थाना प्रभारी को फोन रिसीव करने के लिए निर्देश दिए गए है। सभी को सख्त हिदायत दे दी गई है।इसके बावजूद यदि किसी का फोन नही उठा तो उसके खिलाफ कारवाई होगीं। इसकी हर महीने क्रॉस चेकिंग डीसीपी स्तर से कराई जायेगी।
इन्होंने दिया रिस्पांस
एडीसीपी ममता रानी को कॉल किया गया, उन्होंने सीयूजी नंबर को रिसीव किया गया। थाना प्रभारी लंका, कैंट, सिंगरा, भेलूपुर, व रोहनिया थाना प्रभारी ने रिस्पांस दिया। अपर पुलिस आयुक्त अपराध ने भी रिस्पांस दिया गया। जबकि एडिशनल एसपी श्रुति श्रीवास्तव, एडिशनल एसपी नीतू ने कोई रिस्पांस नहीं दिया.।
वरिष्ठ अधिवक्ता पंकज सिंह ने कहा सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है अधिकारी अपने सीयूजी नंबर को उठाएं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। रूल्स सभी को फॉलो करने चाहिए।