वाराणसी (काशीवार्ता)।तुलसी घाट पर जल पुलिसकर्मियों ने फिर से अपनी वीरता और सतर्कता का परिचय देते हुए एक पर्यटक की जान बचाई। दिल्ली के पालम इलाके से आये 32 वर्षीय पर्यटक अज्ञात गुप्ता, जो तुलसी घाट पर स्नान कर रहे थे, अनजाने में गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। उनकी चीख-पुकार सुनते ही, मौके पर तैनात जल पुलिसकर्मी रामजी साहनी, मनोज साहू, और मनीष कुमार तुरंत हरकत में आये। उन्होंने बिना समय गंवाए पानी में छलांग लगाई और आयुष गुप्ता को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
तुलसी घाट और अन्य घाटों पर पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वाराणसी की जल पुलिस पूरी तत्परता से मुस्तैद है। अक्सर पर्यटक एडवेंचर और अनभिज्ञता के कारण अपनी जान खतरे में डाल देते हैं, ऐसे में जल पुलिस की त्वरित कार्रवाई उनकी जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जल पुलिस प्रभारी मिथिलेश यादव के नेतृत्व में यह टीम निरंतर गंगा नदी में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।
पिछले दो वर्षों में, जल पुलिस ने अपनी सतर्कता और वीरता के चलते सैकड़ों लोगों को डूबने से बचाया है। पर्यटकों की सुरक्षा के प्रति समर्पित यह टीम घाटों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और समय रहते जान बचाने में अहम भूमिका निभा रही है। हालिया घटना इसका एक और उदाहरण है कि किस तरह से जल पुलिस पर्यटकों की रक्षा के लिए तत्पर रहती है।
वाराणसी, जो कि एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है, में गंगा घाटों पर प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। इन घाटों पर सुरक्षा की दृष्टि से जल पुलिस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। गंगा नदी का प्रवाह और उसकी गहराई अक्सर जानलेवा साबित हो सकते हैं, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो पानी की गहराई से अनभिज्ञ होते हैं। इस संदर्भ में जल पुलिस की भूमिका एक देवदूत जैसी होती है, जो न केवल सतर्क रहती है, बल्कि समय पर त्वरित कार्रवाई कर लोगों की जान बचाने में सक्षम होती है।
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जल पुलिसकर्मी संकट के समय कितनी तत्परता से कार्रवाई करते हैं और घाटों पर आने वाले लोगों की सुरक्षा के प्रति कितने सजग हैं।