मदनपुरा की घनी बस्ती में स्थित एक अति प्राचीन मंदिर, जिसका उल्लेख काशी खंड में मिलता है, वर्षों से बंद पड़ा है। इसे लेकर मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद ने अपने विभाग कार्यालय हिंदू भवन इंग्लिशया लाइन पर बैठक की। बैठक में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि इस मंदिर में नियमित पूजा-पाठ, आरती और भोग प्रसाद के लिए मंदिर की सफाई और पूजा का अधिकार विश्व हिंदू परिषद को दिया जाए।
बैठक में यह मांग की गई कि प्रशासन 1977 के दंगे में पलायित हुए लोगों और उनकी संपत्तियों का ब्योरा सार्वजनिक करे। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि क्या अन्य मकानों में भी मंदिर बंद पड़े हुए हैं। परिषद ने कहा कि यदि प्रशासन पूजा का अधिकार देने में असमर्थ रहता है, तो आगे की रणनीति तय की जाएगी।
इस अवसर पर प्रांत सहमंत्री सत्य प्रकाश, प्रांत सह धर्माचार्य प्रमुख शशि भूषण त्रिपाठी, विभाग मंत्री कन्हैया सिंह, विभाग समरसता प्रमुख आनंद पांडे सहित अन्य प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
परिषद का कहना है कि इस अति प्राचीन मंदिर को पुनः जीवित करने और धार्मिक गतिविधियों को पुनर्स्थापित करने के लिए प्रशासन का सहयोग आवश्यक है।