वास्तु शास्त्र में हर वस्तु की दिशा और सही जगह के बारे में बताया जाता है। ऐसी कई बातें बताई गई हैं जिन्हें ध्यान में रखकर काम करने से सोई हुई किस्मत जाग सकती है। घर में खुशहाली आएगी और आप जीवन में तरक्की के रास्ते पर अग्रसर होंगे। वास्तु के मुताबित घर के हर कोने और वहां रखी चीजों में ऊर्जा होती है। जो आपके जीवन को प्रभावित करती है। अगर आप घर या दफ्तर के बाहर नेम प्लेट लगाते हैं तो इसका प्रभाव सभी सदस्यों पर पड़ता है। कई बार गलत दिशा में लगी नेम प्लेट आपके जीवन में वास्तु दोष भी पैदा कर सकती है। इसलिए घर या ऑफिस के बाहर नेम प्लेट लगाते वक्त कुछ खास बातों का ख्याल जरूर रखें।
नेम प्लेट को घर या ऑफिस के मुख्य द्वार पर लगाना चाहिए।
नेम प्लेट को उच्च स्थान जैसे दरवाजे के ऊपर या दीवार के कोने पर ही लगाएं।
वास्तु शास्त्र के हिसाब से उत्तर दिशा और पूरब की दिशा में नेम प्लेट लगानी चाहिए ये दिशाएं शुभ होती हैं।
उत्तर और पूरब में में नेम प्लेट लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
नेम प्लेट पर 2 लाइनों में ही नाम लिखा होना चाहिए और ये साफ-सुथरी होनी चाहिए।
आप चाहें तो दाईं ओर भी नेम प्लेट लगा सकते हैं। वास्तु के अनुसार इस दिशा को भी शुभ माना जाता है।
वास्तु के हिसाब से वृत्ताकार, त्रिकोण और विषम आकृति की नेम प्लेट घर या ऑफिस में लगाने के लिए सबसे अच्छी होती है।
नेम प्लेट में कहीं कुछ टूटा फूटा या फिर छेद नहीं होना चाहिए। इससे नकारात्मकता ऊर्जा आती है।
घर के मुखिया की राशि और उसके रंग के आधार पर नेम प्लेट लगाना शुभ माना जाता है।
नेम प्लेट का रंग सफेद, हल्का पीला और केसरिया से मिलता-जुलता होना चाहिए।
नेम प्लेट पर नीले, काले, ग्रे जैसे रंगों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
नेम प्लेट पर गणपति और स्वास्तिक का चिन्ह बना हो तो इसे शुभ माना जाता है।
आजकल लोग लकड़ी की नेमप्लेट लगाते हैं इसके अलावा तांबा, स्टील या पीतल की नेम प्लेट भी शुभ मानी जाती हैं।