घरों में घुसा पानी, शिविरों में बाढ़ पीड़ित, प्रशासनिक व्यवस्था चौकस
वाराणसी(काशीवार्ता)। गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने से वरुणा में उफान है। गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इन लोगों को सरकारी आश्रय स्थलों पर भेजा जा रहा है। ककरहिया पुल के पास वरुणा के तलहटी में घर बनवाकर पिछले 12 साल से रह रहीं सकीना बीबी ने बताया- हमारे पति और लड़कों ने वहां मकान बनवा लिया। पति तो मरकर चलेग गए लेकिन अब हम झेल रहे हैं। हर साल बारिश में मकान डूब जाता है। बाढ़ के तीसरे दिन ही हमें अपना मकान खाली करना पड़ता है। उसके बाद हम यहां शिविर में आ जाते हैं। सकीना ने बताया- मेरे दो बेटे हैं। दोनों अपने- अपने ससुराल चले गए। मै अकेले थी पानी बढ़ा तो शिविर में आ गई। बाढ़ पीड़ीतों में पुराने पुल की अनवरी भी हैं जो राहत शिविर में हैं। अनवरी ने कहा- पिछले 15 साल से हर साल एक महीने के लिए राहत शिविर में रहना पड़ता है। घर का सारा सामान घर में बंद करके आते हैं। अल्लाह के भरोसे रहता है सब सामान। चोरी का डर बना रहता है। लेकिन अल्लाह का शुक्र है, आज तक चोरी हुई नहीं। यहां रहत शिविर में सभी जरूरत की चीजें मिलती हैं। वार्ड नंबर-63 जलालीपुरा की पार्षद शबाना अंसारी के पति और पार्षद प्रतिनिधि हाजी वकास अंसारी राहत शिविर की व्यवस्थाओं में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया – जलालीपुरा वार्ड में कुल 447 परिवार ऐसे हैं जो गंगा के पलट प्रवाह से आने वाली वरुणा की बाढ़ से प्रभावित होते हैं। जलालीपुरा वार्ड में सरैया प्राथमिक विद्यालय, मदरसा इस्लामिया, मदरसा रशीदुल उलूम की दो ब्रांच, मदरसा अनवारुल उलूम और रीगल गार्डन समेत पांच रहत शिविर हैं। जैसे-जैसे बाढ़ बढ़ेगी पीड़ितों को इनमें शिफ्ट किया जाएगा। इस समय पानी बढ़ा है तो सरैया प्राइमरी स्कूल में अभी तक 24 परिवारों के 120 लोगों को आश्रय दिया गया है।