वाराणसी रोपवे प्रोजेक्ट : एशिया का पहला अर्बन रोपवे

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भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्वतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत एशिया का पहला अर्बन रोपवे प्रोजेक्ट वाराणसी में शुरू किया है। यह प्रोजेक्ट 3.8 किलोमीटर लंबा होगा, जो वाराणसी कैंट स्टेशन से गोडौलिया तक चलेगा। इसके बीच विद्या पीठ और रथयात्रा इंटरमीडिएट स्टेशन, तथा गिरजाघर एक टेक्निकल स्टेशन होगा। कुल मिलाकर 5 स्टेशन और 29 टावर बनाए जाएंगे।

इस परियोजना की कुल लागत ₹815.58 करोड़ निर्धारित की गई है, जिसमें 15 वर्षों का ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस (O&M) भी शामिल है।


1. उच्च क्षमता का रोपवे डिजाइन

  • क्षमता: 3000 पीपीएचपीडी (पीपल पर ऑवर पर डायरेक्शन)
  • 16 घंटे संचालन में प्रतिदिन लगभग 96,000 यात्री
  • 150 गोंडोला लगाए जाएंगे
  • भारत के गुलमर्ग रोपवे से 2.5 गुना अधिक क्षमता
  • इसके लिए आवश्यक:
    • बड़े डायामीटर की रोप्स
    • हाई पावर ड्राइव्स एवं स्टैंडबाई सिस्टम
    • बड़े टर्मिनल्स
    • एडवांस्ड कंट्रोल और कम्युनिकेशन सिस्टम्स
    • बेहतर इवैक्यूएशन व रेस्क्यू व्यवस्था

2. आर्थिक मॉडल और स्टेशन विकास

  • आम जनता के लिए टिकट दरें किफायती रखने हेतु स्टेशनों को मल्टी स्टोरीड कमर्शियल स्पेस, बजट होटल्स और ऑफिस स्पेस के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • लगभग 2,00,000 स्क्वायर फीट निर्माण इस उद्देश्य से होगा।
  • इससे रोपवे को निरंतर रेवेन्यू प्राप्त होगा और प्रोजेक्ट सेल्फ-सस्टेनेबल बनेगा।
  • साथ ही शहर में आर्थिक गतिविधियों और रोजगार में वृद्धि होगी।

3. वैश्विक मानक की सुरक्षा (CEN स्टैण्डर्ड्स)

  • लेटेस्ट टेक्नोलॉजी और हाई क्वालिटी मटेरियल (गोंडोला और रोप्स सहित) का उपयोग।
  • एडवांस्ड कंट्रोल रूम से चौबीसों घंटे सेंसर के जरिए मॉनिटरिंग
  • तीन स्तरीय इमरजेंसी सेफ्टी सिस्टम:
    1. गोंडोला अपने आप नज़दीकी स्टेशन तक पहुँच जाएगा।
    2. ऑक्सिलरी मोटर्स और डीजी सेट हर समय उपलब्ध रहेंगे।
    3. प्रशिक्षित दल के साथ क्रेन्स द्वारा वर्टिकल रेस्क्यू
  • गोंडोला बाहर से खोले जा सकेंगे।
  • चार स्तर का सेफ्टी सर्टिफिकेशन:
    • कन्सेशनैयर
    • सेफ्टी कंसल्टेंट
    • इंडिपेंडेंट इंजीनियर
    • यूपी सरकार द्वारा नामित रोपवे इंस्पेक्टर

4. भू-तकनीकी चुनौतियाँ

  • रोपवे घनी आबादी वाले अर्बन एरिया और बिल्डिंग्स के ऊपर से गुजरेगा।
  • टावरों की ऊँचाई अधिक रखनी पड़ी, सबसे ऊँचा टावर 160 फीट
  • टावर फाउंडेशन की गहराई 80 फीट, जबकि स्टेशनों में पाइल फाउंडेशन 100 फीट तक।
  • कैंट स्टेशन में लगभग 500 पाइल्स, अन्य स्टेशनों पर 300 से अधिक पाइल्स
  • रथयात्रा से गोडौलिया के तेज़ टर्न पर गिरजाघर स्टेशन बनाया गया।

5. ऑपरेशन और मेंटेनेंस (O&M) लागत

  • कुल लागत में 15 वर्षों का O&M शामिल।
  • इसमें शामिल:
    • ऑपरेशन
    • बिजली और जनसेट
    • मैनपावर
    • स्टेशन सिक्योरिटी
    • क्लीनलीनेस
    • इक्विपमेंट रिपेयर और मेंटेनेंस

6. विस्तृत फिज़िबिलिटी स्टडी

  • प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले मेट्रो और अन्य परिवहन विकल्पों की तुलना में फिज़िबिलिटी स्टडी।
  • विभिन्न तकनीकी संस्थानों ने पाया कि वाराणसी की जटिल शहरी परिस्थितियों में रोपवे सबसे उपयुक्त और किफायती विकल्प है।
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