वाराणसी(काशीवार्ता)।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी आगमन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उनसे मिलकर अपनी मांगें सौंपने का प्रयास किया गया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस घटना के बाद कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता प्रधानमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांगें रखना चाहते थे, लेकिन पुलिस द्वारा उन्हें रोका गया।
कांग्रेसी नेताओं ने स्पष्ट किया कि वे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के तौर पर नहीं, बल्कि काशी की जनता के प्रतिनिधि के रूप में पीएम से मिलना चाहते थे। उन्होंने कहा, “हम काशी की जनता के हितों को लेकर पीएम के सामने अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन हमें रोका गया।” इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और पत्रक अधिकारियों को सौंप दिया।
पत्रक में विभिन्न मांगों को रखा गया, जिनमें बाबा विश्वनाथ मंदिर में महाप्रसाद तैयार करने का कार्य स्थानीय स्व-सहायता समूहों से कराने की मांग शामिल थी। इसके अलावा, आईआईटी बीएचयू में गैंगरेप के आरोपियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले 11 छात्र-छात्राओं के निलंबन का मुद्दा उठाया गया।
साथ ही, सिगरा स्टेडियम का नाम, जो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय संपूर्णानंद के नाम पर था, न बदलने की मांग की गई। इसके अतिरिक्त, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजस्थान की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम लागू करने की मांग की, ताकि अधिवक्ताओं के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।