वाराणसी। बाबा भोले की नगरी में विकास की नइया को खिवाने का काम पतवार के रुप में पर्यटक कर रहे हैंं। इन दिनों काशी दर्शन के लिए पर्यटकों की संख्या में जहां बढ़ोत्तरी हो रही है। वहीं काशी में होटलों,लॉज, गेस्टहॉउस तेजी से खुल रहे है। खास बात ये है कि नियम कानून को ताक पर रखकर लोग अपने घरों में ही ये काम शुरू कर रहे हैं।
बता दें कि इन दिनों काशी में अंधाधुंध कुकुरमुत्ता के जैसे अवैध होटलों और गेस्ट हाऊसों का संचालन नगर निगम और जिला प्रशासन की अनदेखी पर धड़ल्ले से फल फूल रहा है। वहीं हादसा होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। इस बाबत जब हमने अग्निशमन अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि नगर निगम और जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरुरत है। इसके साथ ही कहा कि फायर विभाग से एनओसी नहीं पाए जानें पर इन होटल और गेस्ट हाउस को सील किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि ऑनलाइन एनओसी अप्लाई करने के 30 दिन के भीतर बन जाता है।
गौरतलब है कि गंगा आरती और बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन पूजन करने के लिए होटल एवं गेस्ट हाउस कुकुरमुत्तों की तरह बन गए हैं वहीं मंदिर क्षेत्र में 300 यात्रीगृह और लाज संचालित हो रहे हैं, जिनमें आग बुझाने के कोई प्रबंधन नहीं हैं। ऐसे में भविष्य में खतरा हो सकता है। जहां 250 से अधिक होटल चल रहे हैं जिसमें शहर के ज्यादातर होटल संचालकों द्वारा अभी तक फायर एनओसी के लिए आवेदन भी नहीं किया गया। ये वाकई ताज्जुब वाली बात है।
वहीं मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत ने बताया कि किसी होटल गेस्ट हाउस को लाइसेंस लेना होता है तो सबसे पहले वह जिला प्रशासन को अप्लाई करते हैं। उसके बाद वहां से हम लोगों के पास आता है। इस समय हमारे पास लगभग 250 होटल है जिन्होंने हम लोगों से एनओसी प्राप्त किया है।इसके साथ ही उन्होने कहा कि अभियान चलाते हैं नोटिस भी निर्गत करते हैं जो मंदिर के आसपास में खुल गए हैं उनके पास कोई भी अनुमति नहीं है जो खोल भी लिए हैं उनके पास आईडेंटिफाई करके चेक कर रहे हैं ताकी जिनके प पास लाइसेंस नहीं है उनको सील किया सके।