
वाराणसी में हुए बहुचर्चित सामूहिक दुष्कर्म प्रकरण में गुरुवार को पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने प्रेस वार्ता कर अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस गंभीर मामले की जांच अब विशेष जांच टीम (एसआईटी) को सौंपी गई है और 30 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि आरोपी पक्ष के परिजनों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कई अहम सवाल और सबूत सामने लाए गए हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि यदि युवती के साथ इतने लंबे समय से गलत कार्य हो रहा था, तो उसने पहले पुलिस या परिजनों को इसकी सूचना क्यों नहीं दी? परिजनों ने यह भी दावा किया कि लड़की के शरीर पर कोई चोट या ज़बरदस्ती के निशान नहीं पाए गए हैं, जो इस मामले की गंभीरता और सच्चाई की जांच के लिए आवश्यक बिंदु बनते हैं।
ज्ञापन में यह आरोप भी लगाया गया है कि लड़की और उसके परिजन आरोपियों के परिवार से पैसों की मांग कर रहे हैं। परिजनों ने कुछ वीडियो और इंस्टाग्राम चैट भी पुलिस को सौंपी हैं, जिनमें युवती कथित रूप से आरोपी युवक से मिलने की योजना बना रही है। चैट में लड़की खुद लिखती है कि वह कैफे में पहुंच रही है। यह बातचीत 2-3 अप्रैल की है, जब लड़की का दावा था कि वह बंधक बनी हुई थी।
सीपी अग्रवाल ने यह भी कहा कि जांच का यह भी पहलू है कि युवती की सहेली का घर उसके घर से महज 500 मीटर की दूरी पर था, फिर भी इस दौरान उसने अपने माता-पिता से संपर्क क्यों नहीं किया।
पुलिस आयुक्त ने आरोपियों के परिजनों को आश्वासन दिया कि जब तक एसआईटी ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करती, तब तक किसी भी अन्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होगी। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस मामले में कोई धनउगाही न हो। जांच निष्पक्षता से की जाएगी और न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।