अगर इस गर्मी आप भी कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो उत्तराखंड के चमोली में स्थित फूलों की घाटी को Explore कर सकते हैं। यह घाटी 01 जून 2024 से पर्यटकों के लिए खुल चुकी है। जोकि इस साल 30 अक्तूबर 2024 तक खुली रहेगी। ऐसे में आप जून से लेकर अक्तूबर तक कभी भी यहां पर अपने परिवार, दोस्तों या पार्टनर के साथ घूमने जा सकते हैं।
हालांकि यहां पर घूमने का सबसे अच्छा महीने अगस्त-सितंबर होता है। क्योंकि इस दौरान आपको यहां पर सबसे ज्यादा फूल देखने को मिलेंगे। उत्तराखंड के चमोली में स्थिति इस फूलों की घाटी में आपको करीब 500 से भी ज्यादा प्रजाति के रंग-बिरंगे फूल देखने को मिलेंगे। यहां पर घूमने के लिए सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक आते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको फूलों की इस घाटी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
जैव विविधता से भरपूर
बता दें कि चमोली में स्थित फूलों की घाटी को यूनेस्को की World Heritage साइट में शामिल किया गया है। इसके साथ ही यह नंदा देवी बायोस्पेयर रिजर्व का भी हिस्सा है। आपको यहां पर कई दुर्लभ हिमालयी वनस्पतियां देखने को मिलेंगी। यह घाटी जैव विविधता का खजाना है और यहां पर तरह-तरह के खूबसूरत फूलों के अलावा कई प्रजातियों की तितलियां भी देखने को मिलेंगी।
वहीं फूलों की घाटी में हिम तेंदुए, गुलदार, कस्तूरी मृग, मोनाल, हिमालयन भालू भी रहते हैं। यहां का नजारा देखकर आपको जन्नत में होने का एहसास होगा। गर्मियों में घूमने-फिरने के लिए आप वैली ऑफ फ्लॉवर्स आने का प्लान बना सकते हैं। ट्रैकिंग फीस यहां पर ट्रेकिंग के लिए भारतीय पर्यटकों को 200 रुपए और विदेशी पर्यटकों को 800 रुपए फीस देनी होती है। पर्यटकों की सुविधा के लिए बेस कैंप घांघरिया से Tourist Guide की सुविधा भी रहेगी।
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग यहां पर सबसे करीबी एयरपोर्ट देहरादून का जॉलीग्रांट हवाईअड्डा है। फिर आप यहां से गोविंदघाट पहुंचे। गोविंदघाट पहुंचने के बाद आपको घांघरिया तक पैदल रास्ता तय करना होगा। क्योंकि यहां पर आपको फूलों की घाटी का पास बनवाना होगा। फिर Trekking करते हुए फूलों की घाटी तक जाना होगा। बता दें कि गोविंदघाट से फूलों की घाटी पहुंचने के लिए आपको करीब 19 किमी कू दूरी तक ट्रेकिंग करनी पड़ेगी।
रेल मार्ग
अगर आप यहां पर ट्रेन से जाना चाहते हैं, तो पहले आपको ऋषिकेश जाना होगा। फिर Rishikesh से टैक्सी लेकर 250 किमी का सफर तयकर आप गोविंदघाट पहुंचेंगे। फिर यहां से आप ट्रेकिंग के जरिए फूलों की घाटी जा सकते हैं।