लखनऊ, 11 दिसंबर। उत्तर प्रदेश में गोवंश संरक्षण और संवर्धन की दिशा में योगी सरकार की पहल अब परिणाम देने लगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरक्षपीठ से जुड़ी परंपरा और गोवंश के प्रति उनकी प्राथमिकता ने इस अभियान को गति दी है। निराश्रित गोवंश के संरक्षण से लेकर गोपालकों को रियायतें देने और नियमित टीकाकरण व नस्ल सुधार के जरिए उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश में कुल दूध उत्पादन में पहले स्थान पर है, लेकिन गाय के दूध के मामले में राजस्थान सबसे आगे है। अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 0.66 करोड़ दुधारू गायें हैं, जो 5.29 मिलियन टन दूध देती हैं। इसमें 1.7 मिलियन टन विदेशी नस्ल की गायों से और 4.2 मिलियन टन देशी व मिश्रित नस्ल की गायों से प्राप्त होता है।
योगी सरकार का ध्यान विशेष रूप से देशी गोवंश के संरक्षण और संवर्धन पर है। देशी नस्ल की गायों का दूध न केवल गुणवत्ता में बेहतर है बल्कि यह भारतीय जलवायु के अनुकूल भी है। इन्हें पालना आसान और सस्ता है। गोरखपुर और भदोही में पशु चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण से इस दिशा में अनुसंधान और प्रगति की नई संभावनाएं खुलेंगी।
गोरखपुर में पशु चिकित्सा महाविद्यालय: नई उम्मीद
गोरखपुर में बनने वाला पशु चिकित्सा महाविद्यालय देशी गोवंश के संरक्षण और उत्पादकता बढ़ाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इसे आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाने और पर्याप्त रिजर्व चारागाह और गौ सरोवर की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
इस महाविद्यालय का शिलान्यास 3 मार्च 2024 को मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। यह 80 एकड़ भूमि पर तीन चरणों में बनाया जा रहा है, जिसकी कुल लागत 350 करोड़ रुपये से अधिक है। पहले चरण के निर्माण पर 277.31 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसे 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
देशी गोवंश संवर्धन से नंबर वन बनेगा यूपी
गोरखपुर और भदोही के पशु चिकित्सा महाविद्यालयों में होने वाले शोध से पूर्वांचल के लगभग दो दर्जन जिलों के पशुपालक लाभान्वित होंगे। इससे देशी नस्ल की गायों की उत्पादकता बढ़ेगी और उनका संरक्षण सुदृढ़ होगा। यदि यह अभियान निरंतर जारी रहा, तो उत्तर प्रदेश गाय के दूध के उत्पादन में भी राजस्थान को पीछे छोड़ते हुए देश में पहला स्थान हासिल कर लेगा।
योगी सरकार के यह प्रयास न केवल गोवंश संरक्षण को बढ़ावा देंगे बल्कि प्रदेश को आर्थिक दृष्टि से भी समृद्ध बनाएंगे।