वाराणसी(काशीवार्ता)।बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) में आज दिनांक 25 सितंबर 2024 को स्वच्छता ही सेवा 2024 के अंतर्गत वेस्ट ऑफ आर्ट (Waste to Art) पहल के तहत एक अनूठी मूर्ति का अनावरण किया गया। जो “काशी बुद्धिजीवियों की नगरी रही है यह कार्य अर्घ्य अमूर्त कार्य के माध्यम से चर्चा और बौद्धिक विचारों को साझा करने की परंपरा को दर्शाता है।” यह मूर्ति लोहे के स्क्रैप से बनाई गई है और इसे बरेका कारखाने के पूर्वी गेट के पास स्थापित किया गया। इस मौके पर महाप्रबंधक श्री एस. के. श्रीवास्तव ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति में इस कला के अद्भुत नमूने का अनावरण किया।
इस अवसर पर प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर श्री सुब्रत नाथ, प्रधान वित्तीय सलाहकार श्री नीरज वर्मा, प्रमुख मुख्य इंजीनियर श्री विनोद कुमार शुक्ला, प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्री देवेश कुमार, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर, उत्पादन श्री सुनील कुमार, मुख्य संरक्षा अधिकारी श्री एस. बी. पटेल, डीबीएम श्री विजय कुमार कुमावत और जन संपर्क अधिकारी श्री राजेश कुमार भी मुख्य रूप से उपस्थित थे।
महाप्रबंधक श्री श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा कि बरेका में निर्मित यह मूर्ति न केवल कला और रचनात्मकता का प्रतीक है, बल्कि यह स्वच्छता के प्रति बरेका की प्रतिबद्धता और अपशिष्ट प्रबंधन के महत्व को भी दर्शाती है। वेस्ट ऑफ आर्ट (Waste to Art)के तहत लोहे के स्क्रैप को रीसायकल कर इस प्रकार की मूर्तियों का निर्माण पर्यावरण संरक्षण और संसाधनों के पुन: उपयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने इस मूर्ति के निर्माण में शामिल बरेका के अधिकारीयों कर्मचारियों और कलाकारों की सराहना की और इसे स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरणादायक बताया।
यह मूर्ति न केवल कारखाने के सौंदर्य में वृद्धि करेगी, बल्कि बरेका के सभी कर्मचारियों और आगंतुकों के लिए एक संदेश भी देगी कि स्वच्छता, रीसाइक्लिंग और संसाधनों का समुचित उपयोग एक स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण है।
यह कार्यक्रम स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों को साकार करने और बरेका में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।