ज्ञानवान बनने के लिए भारत से बड़ा कोई देश नहीं : सीएम योगी
गोरखपुर, 24 नवंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ज्ञानवान और शीलवान बनने के साथ-साथ विज्ञान-तकनीकी के अनुकूल होकर समय के प्रवाह की गति को समझना अपरिहार्य है। उन्होंने विद्यार्थियों को संदेश दिया कि अगर हम समय के प्रवाह की गति को समझने में चूक गए, तो वह समय हमें हानि पहुंचा सकता है। इसका समाधान यह है कि हमें विज्ञान और तकनीकी से भागने के बजाय उसके साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए।
सीएम योगी रविवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के तीन दिवसीय 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन दिवस पर एक विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने ट्रेनिंग एंड एजुकेशनल सेंटर फॉर हियरिंग इम्पेयर्ड (टीच) ठाणे, मुंबई के सह संस्थापक दीपेश नायर को प्रोफेसर यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार से सम्मानित किया। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित इस अधिवेशन में मुख्यमंत्री ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सूत्र वाक्य “ज्ञान, शील, एकता” का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया में ज्ञानवान बनने के लिए भारत से बड़ा कोई देश नहीं है। गीता में भी कहा गया है, “न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते”, अर्थात ज्ञान के समान पवित्र करने वाला, शुद्ध करने वाला इस लोक में दूसरा कोई नहीं है।
समय के साथ चलने की आवश्यकता
सीएम योगी ने कहा कि समय का प्रवाह किसी का इंतजार नहीं करता और न ही किसी की परवाह करता है। कालचक्र लगातार चलता रहता है, इसलिए यदि हम विज्ञान और तकनीकी से भागेंगे तो समय के साथ नहीं चल पाएंगे। उन्होंने नब्बे के दशक में कम्प्यूटरीकरण को लेकर हुए विरोध का जिक्र करते हुए बताया कि उस समय कम्प्यूटरीकरण का विरोध हो रहा था, लेकिन आज पूरी दुनिया स्मार्टफोन के दौर में जी रही है। तकनीकी का विरोध करने के बावजूद यह हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुकी है।
तकनीकी के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू
मुख्यमंत्री ने बताया कि समाज और राष्ट्र के प्रति कल्याणकारी सोच के साथ युवा विज्ञान और तकनीकी से जुड़कर खुद को और अपने राष्ट्र को मजबूत बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब तकनीकी अच्छे हाथों में होती है, तो वह लोक और राष्ट्र कल्याण का माध्यम बनती है, लेकिन जब तकनीकी नकारात्मक लोगों के हाथ में जाती है, तो वह आतंकवाद और विध्वंसात्मक ताकतों को बढ़ावा देती है।
तकनीकी का सदुपयोग और नैतिक ढांचा
सीएम योगी ने कहा कि समय के साथ चलते हुए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि मानवता की रक्षा के लिए तकनीकी का प्रयोग अच्छे हाथों में ही हो। उन्होंने एटमिक पॉवर का उदाहरण देते हुए बताया कि इसके सदुपयोग से प्रदूषण मुक्त सस्ती ऊर्जा मिल सकती है, लेकिन इसके दुरुपयोग से विनाश का कारण भी बन सकता है।
नैतिकता और राष्ट्रधर्म के मार्ग पर चलें
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि मनुष्य को मानव बने रहना होगा। इसके लिए हमें ज्ञानवान और शीलवान होना जरूरी है। “सब साथ चलें, सब साथ बढ़ें” के वैदिक उद्घोष को अंगीकार करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रधर्म ही सर्वोपरि मानकर चलने से ही मानवता का कल्याण संभव है।
एकता से राष्ट्रधर्म की चुनौतियों का सामना
सीएम योगी ने युवाओं को राष्ट्रधर्म सर्वोपरि का मंत्र देते हुए इसके मार्ग में आने वाली बाधाओं से निपटने का तरीका भी बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रधर्म की चुनौतियों का सामना पारस्परिक एकता से ही किया जा सकता है। छात्र शक्ति ही राष्ट्र शक्ति है, और युवा कल के नहीं, आज के नागरिक हैं।
भारत सबसे सौभाग्यशाली देश है युवा ऊर्जा के मामले में
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत युवा ऊर्जा के मामले में दुनिया का सबसे सौभाग्यशाली देश है, क्योंकि यहां की 56 प्रतिशत आबादी युवा है। यह युवा ऊर्जा देश को नई दिशा दे रही है। उन्होंने कहा कि भारत के पास युवा ऊर्जा है जो देश को भविष्य में उज्जवल बना सकती है।
युवा ऊर्जा का ऐतिहासिक संदर्भ
मुख्यमंत्री ने श्रीराम, श्रीकृष्ण, महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, और अन्य क्रांतिकारियों के उद्धरणों से युवा ऊर्जा की ताकत समझाई। उन्होंने बताया कि युवा शक्ति से ही इतिहास ने बदलाव देखा है।
विद्यार्थी परिषद का कार्यकर्ता होना सौभाग्य की बात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को सौभाग्यशाली बताया और कहा कि विद्यार्थी परिषद युवा ऊर्जा को सही दिशा देने वाला एक सशक्त मंच है।
राष्ट्रविरोधी धर्मांतरण पर लगाम लगाना नागरिकों का भी दायित्व
सीएम ने मूक बधिर बच्चों के राष्ट्रविरोधी धर्मांतरण से जुड़ा एक वाकया सुनाया और कहा कि यह सरकार और संगठन का नहीं, बल्कि हर जागरूक नागरिक का दायित्व है कि ऐसे रैकेट्स पर लगाम लगाई जाए।
दिव्यांगजन के लिए आरक्षण और अवसर
उन्होंने दिव्यांगजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और कहा कि प्रतिभा जाति, मत, मजहब की मोहताज नहीं होती।
अधिवेशन स्थल पर प्रदर्शनी का अवलोकन
मुख्यमंत्री ने अधिवेशन स्थल पर आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और वहां मौजूद प्रतिनिधियों से जानकारी ली।
इस कार्यक्रम में गोरखपुर के महापौर, विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे।