UGC Net Exam हुआ रद्द, गृह मंत्रालय के इस विभाग से मिला था क्लू, जिसके बाद लिया गया एक्शन

न्यूज़ डेस्क। हाल ही में एनटीए ने कम्प्यूटरीकृत परीक्षा प्रारूप से हटकर एक ही दिन में एग्जाम कराने का फैसला किया था। गौरतलब है की पांच वर्षों के लंबे अंतराल के बाद यूजीसी नेट की परीक्षा का आयोजन फिजिकली हो रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को यूजीसी नेट परीक्षा को लेकर बड़ा फैसला किया। परीक्षा के आयोजित होने के एक दिन बाद ही इसे रद्द कर दिया गया है। इस फैसले के पीछे ग्रह मंत्रालय ने कारण बताया कि परीक्षा के आयोजन में लापरवाही बरती गई है, जिस कारण ये कदम उठाया गया है। गृह मंत्रालय के इस फैसले के कारण 900,000 छात्रों का भविष्य खतरे में आ गया है।

मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। यही कारण है को इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई है। बता दें की हाल ही में एनटीए ने कम्प्यूटरीकृत परीक्षा प्रारूप से हटकर एक ही दिन में एग्जाम कराने का फैसला किया था। गौरतलब है की पांच वर्षों के लंबे अंतराल के बाद यूजीसी नेट की परीक्षा का आयोजन फिजिकली हो रहा है।

ये होगा एग्जाम रद्द होने का असर

Ugc नेट परीक्षा के रद्द होने के बाद पीएचडी एडमिशन में देर होना संभव है। हालांकि गृह मंत्रालय ने कहा है कि जल्द ही फिर से यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। जल्द ही इसकी जानकारी शेयर की जाएगी।

18 जून को हुई थी यूजीसी नेट की परीक्षा

बता दें कि यूजीसी नेट की परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पीएचडी प्रवेश, सहायक प्रोफेसरशिप और जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए करता है। इस वर्ष का आयोजन 18 जून को किया गया था जिसमें 1200 केदो पर 908580 उम्मीदवारों में हिस्सा लिया था। इस बार यह परीक्षा 83 विषयों के लिए आयोजित की गई थी जो की ओएमआर शीट पर होनी थी।

वहीं गृह मंत्रालय को परीक्षा के आयोजन की 24 घंटे के बाद उच्च शिक्षण नियामक यूजीसी के तहत इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन केंद्र की नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट से इनपुट मिले थे। इन इनपुट में यह पता चला है की परीक्षा की गोपनीयता से समझौता किया गया था जिसके बाद गृह मंत्रालय ने परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया है।

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