आर्य महिला पीजी कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ

राष्ट्रीय आंदोलन की नायिका थीं रानी लक्ष्मी बाई

वाराणसी- (काशीवार्ता) – आर्य महिला पीजी कॉलेज, चेतगंज के इतिहास विभाग एवं भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘पीपुल्स क्वीन रानी लक्ष्मीबाई: द फेस एण्ड वॉइस ऑफ इंडियन रेसिस्टेन्स’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ । संगोष्ठी की मुख्य अतिथि डॉ०पूजा व्यास (निदेशक, आईसीपीआर, नई दिल्ली) ने विषय के पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “रानी लक्ष्मीबाई की राज्य की रानी नहीं थी बल्कि जनता की रानी थी। रानी ने जनता के हित के लिए जरूरत पड़ने पर सौम्य और रौद्र दोनों रूप धारण किया। इसलिए रानी क्रांति और शांति दोनों की प्रतीक थी, वास्तव में रानी राष्ट्रीय आंदोलन की नायिका थीं और महिलाओं के लिए वो हमेशा प्रेरणा स्त्रोत रहेंगी उन्होंने उस समय के सामाजिक रूढ़ियों को चुनौती दी जिस समय महिलाएं पर्दे की आड़ में रहती थीं उनका संपूर्ण जीवन वर्तमान समाज के लिए प्रासंगिक है”। विशिष्ट अतिथि के रूप में आए प्रो० राणा पी.बी सिंह (भूगोल विभाग, विज्ञान संस्थान, बीएचयू) ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि “रानी से संबंधित औपनिवेशिक स्रोतों को परिष्कृत करके देखा जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई के विरासत को सहेजने के लिए सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओं को आगे आने की अपील की”। प्रो० डी. पी दुबे (पुरातत्व विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय) ने कहा कि “रानी को समकालीन स्रोतों के माध्यम से समझा जाना चाहिए उन्होंने समकालीन , साहित्यिक एवं अभिलेखीय साक्ष्यों के माध्यम से रानी के जीवन के अनछूए पहलुओं पर प्रकाश डाला”। विषय प्रवर्तन प्रो० मालविका रंजन (इतिहास विभाग, सामाजिक विज्ञान संकाय, बीएचयू) व डॉ० उपेंद्र विनायक सहस्रबुद्धे (संस्कृति भारती न्यास) ने किया । संगोष्ठी में विशेष तौर आमंत्रित प्रो० बिंदा डी परांजपे (डीन, सामाजिक विज्ञान संकाय, बीएचयू), प्रोo ताबीर कलाम (इतिहास विभाग, सामाजिक विज्ञान संकाय, बीएचयू) और डॉ० प्रवीण कुमार शर्मा (आईसीएचआर, नई दिल्ली) ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए ।
संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में 25 शोधर्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए जिसकी अध्यक्षता डॉ० नरेश सिंह व डॉ० श्वेता सिंह ने किया जबकि डॉ० नीरज राणा के द्वारा सत्र का रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया । संगोष्ठी में देश के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने भाग लिया ।
संगोष्ठी की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं मंगलाचरण के साथ हुआ । कॉलेज की प्राचार्या प्रो० रचना दुबे एवं कॉलेज के संरक्षक डॉ० शशिकांत दीक्षित ने संगोष्ठी में आए अतिथियों का स्वागत किया । संगोष्ठी का संचालन संयोजिका डॉ० अनिता सिंह ने किया । धन्यवाद ज्ञापन प्रो० विश्वनाथ मिश्रा के द्वारा किया गया । संगोष्ठी के प्रथम दिवस का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ ।

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