वाराणसी (काशीवार्ता)। डर्बीशायर क्लब के तत्वावधान में आज, 13 अक्टूबर 2024 को, क्लब अध्यक्ष शकील अहमद जादूगर के नेतृत्व में स्वर सम्राट किशोर कुमार की 37वीं पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर पितरकुण्डा के पवित्र कुण्ड पर मछलियों को चारा खिलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम के दौरान शकील ने किशोर कुमार के जीवन और उनकी उपलब्धियों को याद किया। उन्होंने बताया कि 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खण्डवा में जन्मे किशोर कुमार अपनी मदमस्त आवाज के जादू से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते थे। उनके कई प्रसिद्ध गीत जैसे “गाता रहे मेरा दिल,” “शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब,” “मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू,” और “जिंदगी का सफर है ये कैसा सफर” आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं।
शकील ने बताया कि किशोर कुमार को उनके अद्वितीय गायन के लिए अनगिनत पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपने फिल्मी जीवन की शुरुआत “मरने की दुआएं क्यों मांगूं, जीने की तमन्ना कौन करे” से की और काफी संघर्षों के बाद एक लीजेंड गायक के रूप में स्थापित हुए। इसके साथ ही, वे सफल अभिनेता, निर्देशक, पटकथा लेखक और गीतकार के रूप में भी लोकप्रिय रहे। उनकी प्रसिद्ध फिल्मों में “चलती का नाम गाड़ी” और “दूर गमन की छांव” शामिल हैं, जहां उन्होंने अपने बेहतरीन अभिनय से दर्शकों को हंसाया और भावुक भी किया।
शकील ने अंत में कहा कि किशोर कुमार ने भारतीय सिनेमा में एक अमिट छाप छोड़ी है और वे आठ बार फिल्मफेयर अवार्ड जीतने वाले पहले गायक बने। उन्होंने देश की कई भाषाओं में गाने गाए, जिनमें मराठी, असामी, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम, उड़िया, और उर्दू शामिल हैं। किशोर कुमार 13 अक्टूबर 1987 को इस दुनिया से विदा हो गए, लेकिन उनकी कला और संगीत सदैव जीवित रहेंगे।
इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रमोद वर्मा, हाजी असलम, हैदर मौलाई, चिंतित बनारसी, आफाक हैदर, शाहिन हुसैन, इस्तियाक हुसैन, बबलू गुप्ता, शाहिद आलम, जावेद हुसैन, प्रदीप कुमार गुप्ता, मोहम्मद अली, भोलू खान, राज जायसवाल, राहुल जायसवाल, और चांद खान सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।