वाराणसी(काशीवार्ता)। बेलगाम हो गए ई-रिक्शा वालों पर लगाम लगाने के लिए कागजों पर अफसर खूब माथापच्ची कर रहे हैं लेकिन धरातल पर हालात भयावह हैं। स्मार्ट सिटी काशी में इन दोनों बाहर से आने वाले सैलानी दिनदहाड़े ‘लूट’ का शिकार हो रहे हैं। बनारस से गलत संदेश लेकर लौट रहे हैं।
दरअसल, ई-रिक्शा चालक काशीवासियों के साथ-साथ बाहर से आने वाले सैलानियों के लिए भी लाइलाज मर्ज बन गए हैं। पता होगा, वाराणसी कमिश्नरेट में जाम का बड़ा कारण बिना रूट तय हुए चल रहे ई-रिक्शा हैं। सैलानियों के लिए यह परेशानी और बड़ी है। ट्रैफिक और इलाकाई पुलिस की शह पर सड़कों पर दौड़ रहे ई-रिक्शा का किराया भी बनारस में फिक्स नहीं है। किराया फिक्स न होने की वजह से ई-रिक्शा चालक बाहर से आने वालों को ‘लूट’ का शिकार बनाते हैं।
मसलन, जहां का भाड़ा उन्हें 50 रुपये लेना चाहिए वहां का भाड़ा दौ सौ से ढ़ाई सौ रुपये लिया जाता है। धर्म और आस्था की नगरी बनारस में इन दिनों पर्यटन कारोबार खूब फल-फूल रहा है। दूर-दराज से आने वाले पर्यटक यहां आकर मन की शांति प्राप्त करते हैं। वहीं, काशी की गलियों को तंग करने में भी सबसे ज्यादा ई-रिक्शा आगे हैं। ई-रिक्शा चालकों की वजह से सड़कों पर आए दिन जाम की स्थिति पनप जाती है।
इन रास्तों से परहेज करें
शहर में लंका, भेलूपुर, कमच्छा, रथयात्रा, सिगरा, गोदौलिया, लकड़ी मंडी-चौकाघाट, चौकाघाट से कैंट, मिंट हाउस से नदेसर, मलदहिया से इंग्लिशिया लाइन, लहरतारा, मंडुआडीह, गोलगड्डा-भदऊं मार्ग सहित कई रास्तों पर वाहनों की लंबी लाइन रोज लगती है। भदऊं से नदेसर, मकबूल अलम रोड, चौकाघाट, हुकूलगंज ताड़ीखाना, पांडेपुर मार्ग पर वाहन रोज रेंगते नजर आते हैं। गोलगड्डा, भदऊं, प्रह्लादघाट-मकिमगंज मार्ग पर जाम की वजह ई-रिक्शा, आटो रिक्शा और रोड किनारे खड़ी बसें रहती हैं। कैंट मार्ग पर जाम का कारण रोडवेज बसें रहती हैं। मैदागिन, विश्वेरगंज वाया प्रह्लादघाट वाले रास्ते पर जाना जंग लड़ने से कम नहीं।
अफसर वजह तलाशने तक सीमित
बनारस में रोज लगने वाले जाम और बाहर से आने वाले यात्रियों के साथ लूट होने की वजह तलाशने तक ही अफर सीमित रह गए हैं। कमिश्नरेट की ट्रैफिक व्यवस्था का जनाजा रोज रोड पर निकलता है। बिना होमवर्क किए जाम खत्म करने करने के लिए तैयार की गई योजना ग्राउंड पर उतार देने की वजह से दुपहिया और चार पहिया वाहन सवार मिनटों का रास्ता घंटों में तय कर रहे हैं। बनारस के जाम की स्थिति यह है कि यहां एंबुलेंस भी घंटों फंसी रहती है। अधिकारियों के होंफने पर इलाकाई और ट्रैफिक पुलिस सड़क पर जरूर उतरी है पर यह उतरना भी सिर्फ फोटो खिंचवाने तक ही सीमित रहता है।