Alok Srivastava
वाराणसी(काशीवार्ता)। बढ़ते सूर्य के ताप के साथ बिजली कटौती जिंदगी को विचलित कर रही है। ट्रिपिंग व अंधाधुंध कटौती के बावजूद अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। तपती दोपहरी का असर देर रात तक बना रह रहा है, वहीं जनता त्राहिमाम कर रही है। बताते चलें कि इन दिनों पीएम के संसदीय क्षेत्र काशी का कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं है जहां बिजली कटौती से लोग जूझ न रहे हों।
दिन में धूप की तल्खी व रात में बिजली कटौती ने लोगों को चिड़चिड़ा बना दिया है। जिसके चलते नौकरी पेशा वालों को आफिस में अपने अधिकारियों का कोपभाजन बनना पड़ रहा है। घरों में इसके चलते कोहराम मचा हुआ है। वरुणापार से लगायत सिगरा, बरेका, ककरमत्ता, सुंदरपुर, बीएचयू, मैदागिन क्षेत्र की स्थिति अत्यन्त ही दयनीय हो चुकी है। 24 घंटे में यदि बिजली कटौती को गिना जाए तो एक दिन में जितने घंटे होते हैं उससे कहीं ज्यादा बार बिजली की आंख मिचौली होती है।
सोमवार को वरुणापार में हो रही बिजली कटौती की जानकारी लेने के लिए संबंधित अभियंता को जब सीयूजी नम्बर पर फोन किया तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब ही नहीं समझा। अवर अभियंता एच.बी.पाल से जब सरकारी नम्बर 8004932075 पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होने फोन रिसीव न करते हुए स्विच ऑफ कर दिया। प्रबंध निदेशक को इस बाबत व्हाट्सएप के माध्यम से जानकारी दिए जाने के बाद भी कोई जवाब न देना और न ही कोई कार्रवाई करना अधिकारियों की हठधर्मिता को दर्शाता है।
हालांकि, इस संबंध में ऊर्जा राज्य मंत्री ए.के.शर्मा को उनके एक्स एकाउंट पर ट्वीट कर जानकारी दी गई। ट्रिपिंग को लेकर ऊर्जा मंत्री से लेकर विभाग के उच्चाधिकारी लगातार निर्देश दे रहे हैं कि इस पर विशेष ध्यान रखा जाए। लेकिन अधिकारियों के सारे दिशा-निर्देश इस गर्मी में बेमानी साबित हो रहे हैं।
सूख रही धरती की कोख, सबमर्सिबल ने छोड़ा साथ
भीषण गर्मी के चलते धरती की कोख भी सूखने लगी है। गर्मी के चलते शहरों में भू-जल स्तर लगातार नीचे गिर रहा है। परिणाम स्वरूप घरों व प्रतिष्ठानों में लगे सबमर्सिबल पम्प भी साथ छोड़ रहे हैं। पानी गर्त में चले जाने से पम्प अब पानी उठाने में विफल साबित हो रहे हैं। इसके चलते लोगों को पानी की दिक्कत भी उठानी पड़ रही है।