अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक जुलाई में तीन बार एकादशी का व्रत और अगस्त में तीन बार प्रदोष व्रत पड़ रहे हैं। जानें आषाढ़ माह में कितने व्रत त्योहार पड़ रहे हैं। एकादशी और प्रदोष व्रत बेहद फलदायक माना जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार हर माह में केवल दो ही प्रदोष होते हैं और दो ही एकादशी पड़ती हैं। लेकिन इस बार ये परंपरा टूट रही है-
शुक्ल पक्ष वाली एकादशी
एक एकादशी कृष्ण पक्ष वाली होती है, दूसरी शुक्ल पक्ष वाली एकादशी होती है। हर साल कुल 24 प्रदोष और 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं।
प्रदोष व एकादशी व्रत
अधिकमास वाले साल में प्रदोष व एकादशी व्रत की संख्या बढ़कर 24 से 26 हो जाती है।
तीन एकादशी व तीन प्रदोष व्रत अगस्त में
इसी तरह इस साल जुलाई में तीन एकादशी व अगस्त में तीन प्रदोष व्रत रखे जाएंगे। इनकी तारीख आप भी नोट कर लें ये आषाढ़ और श्रावण मास में पड़ेंगी।
योगिनी एकादशी
इस साल 2 जुलाई को योगिनी एकादशी है, 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी पड़ रही है और 31 जुलाई को कामिका एकादशी व्रत रखा जाएगा।
दो एकादशी आषाढ़ में
इनमें पहली दो एकादशी आषाढ़ में और अंतिम वाली एकादशी श्रावण मास को पड़ेगी। 1 अगस्त, 17 अगस्त और 31 अगस्त 2024 को प्रदोष व्रत होगा।
पवित्र नदियों में स्नान
इन तिथियों पर पवित्र नदियों में स्नान कर सकते हैं। पूजा पाठ के बाद दान करने से एकदाशी का फल दोगुना होकर प्राप्त होता है।
शिव पुराण में प्रदोष व्रत
वहीं शिव पुराण में प्रदोष व्रत के महत्व विस्तार से बताया गया है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से साधक को भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
भगवान शिव और मां पार्वती
प्रदोष व्रत पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। रोजगार में वृद्धि होती है और कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है।