आस्था की अनूठी यात्रा : काशी से विंध्याचल तक नंगे पैर 81 किलोमीटर पैदल सफर

वाराणसी और मिर्जापुर की धरती हमेशा से धार्मिक आस्था और शक्ति उपासना की केंद्र रही है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए एक विशेष यात्रा इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। काशी विश्वनाथ की नगरी से शक्ति के धाम माँ विंध्यवासिनी के दरबार तक नंगे पैर 81 किलोमीटर की पैदल यात्रा निकाली जा रही है।

इस यात्रा का नेतृत्व एमएलसी विनीत सिंह के बड़े पुत्र आकाश सिंह उर्फ सनी कर रहे हैं। उनके साथ सैकड़ों श्रद्धालु कदम से कदम मिलाकर पैदल चल रहे हैं। यात्रा का शुभारंभ वाराणसी के गोला से हुआ और आज यह मिर्जापुर पहुँची। आस्था और भक्ति से परिपूर्ण यह यात्रा देर रात विंध्याचल धाम पहुँचेगी, जहाँ श्रद्धालु माँ विंध्यवासिनी के दरबार में माथा टेककर अपनी यात्रा को पूर्ण करेंगे।

नंगे पैर की यह कठिन पैदल यात्रा केवल शरीर की परीक्षा नहीं बल्कि मन और आत्मा की शक्ति का भी परिचायक है। लोग भजन-कीर्तन करते हुए, जयकारे लगाते हुए और भक्ति गीतों के साथ कदम बढ़ाते हैं। वातावरण पूरी तरह धार्मिक रंग में रंगा हुआ है।

यह यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं, बल्कि सामूहिक शक्ति और भक्ति की मिसाल है। समाज के हर वर्ग के लोग इसमें शामिल होकर यह संदेश दे रहे हैं कि आस्था और श्रद्धा जब एकसाथ होती है तो कोई भी राह कठिन नहीं रहती। माँ विंध्यवासिनी के जयकारों के साथ यह यात्रा आस्था और भक्ति की अद्भुत छटा बिखेर रही है।

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