वाराणसी*काशीवार्ता) – शादी के सीजन की शुरुआत से पहले सोने और चांदी के दामों में अप्रत्याशित उछाल देखा जा रहा है, जिससे बाजार और ग्राहक दोनों चकित हैं। आमतौर पर ठंडे माने जाने वाले पितृ पक्ष के दौरान भी सोने-चांदी की कीमतों में तेजी बनी रही है। सोना 78 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गया है, जबकि चांदी 92 हजार रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंचने के करीब है। यह पहली बार है कि पितृ पक्ष के दौरान सोने का भाव 78 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम से अधिक हुआ है।
पिछले साल इसी समय सोने का भाव 60 हजार रुपये और चांदी का भाव 72 हजार रुपये था, लेकिन इस साल पितृ पक्ष में सोने की कीमत में 18 हजार रुपये और चांदी की कीमत में 16 हजार रुपये की वृद्धि हुई है।
अंतरराष्ट्रीय कारणों से बढ़े दाम
सराफा व्यापारियों का मानना है कि सोने-चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की बढ़ती मांग और इजरायल, हमास, और लेबनान के बीच जारी संघर्ष है। इस वजह से सोने-चांदी की कीमतों में अप्रत्याशित उछाल देखा जा रहा है। 23 जुलाई को केंद्रीय बजट में सोने पर नौ प्रतिशत कस्टम ड्यूटी घटाई गई थी, जिससे उम्मीद की जा रही थी कि दामों में कमी आएगी। हालांकि, थोड़ी देर के लिए कीमतों में मामूली गिरावट आई, लेकिन जल्द ही वे फिर से बढ़ने लगीं और अब स्थिर होने का नाम नहीं ले रही हैं।
कस्टम ड्यूटी में छूट के बावजूद नहीं कम हुए दाम
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सोने पर कस्टम ड्यूटी में छूट नहीं दी गई होती, तो सोने की कीमतें इस समय 81 से 82 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच जातीं। हालांकि, शादी-ब्याह और त्योहारी सीजन के चलते भी कीमतों में गिरावट की संभावना नहीं दिख रही है। नवरात्र और विवाह समारोह की तैयारियों में जुटे लोग इस उलझन में हैं कि क्या अभी सोना खरीदना सही होगा।
ग्राहकों में बढ़ी चिंता
वाराणसी सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष अग्रवाल ने बताया कि सोने-चांदी के बढ़ते दामों ने ग्राहकों को हतप्रभ कर दिया है। खरीदारी करने आए लोग उच्च कीमतों के कारण अपनी योजनाओं को टालने या संशोधित करने पर मजबूर हो रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले इस बार पितृ पक्ष के दौरान दामों में इतनी तेजी पहली बार देखी जा रही है, जिससे बाजार में हलचल मच गई है।
उपभोक्ता अभी इसी असमंजस में हैं कि क्या कीमतें और बढ़ेंगी या फिर स्थिर होंगी, लेकिन फिलहाल बाजार में उछाल थमता नहीं दिख रहा।