मतदान से पाप-पुण्य के विचार को महाराष्ट्र की जनता ने समझा

हर हिन्दू को यह समझने की है आवश्यकता-अविमुक्तेश्वरानन्द

वाराणसी (काशीवार्ता)। यह सर्वविदित है कि अच्छे कार्य करने वाले का साथ देने पर पुण्य और बुरे कार्य करने वाले का साथ देने पर पाप होता है। शास्त्र भी कहते हैं कि गोहत्या की अनुमति देने वाला, मांस काटने वाला, मारने वाला, खरीदने वाला, बेचने वाला, पकाने वाला, परोसने वाला और खाने वाले सब घातक हैं, कसाई हैं, पापी हैं। उक्त बातें ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने विद्यामठ में पत्रकार वार्ता के दौरान कही। कहा कि शास्त्र नियम के अनुसार हमने कहा था कि गोहत्या को जारी रखने वाले राजनीतिक दलों और उनके प्रत्याशियों को मतदान करने से गोहत्या का पाप मतदाता को भी लगता है। जबकि गोरक्षा के लिए स्पष्ट उद्घोषणा करने वाले का मतदान से समर्थन करना पुण्य प्राप्त कराता है। बड़ी प्रसन्नता का विषय है कि महाराष्ट्र की गोभक्त हिन्दू जनता ने मतदान से होने वाले पाप-पुण्य की बात को समझा और गोभक्त एकनाथ शिन्दे को भारी मतों से विजयी बनाया।

महाराष्ट्र के हिन्दुओं ने हमारी अपील का सम्मान किया

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि विगत दिनों हमने गोमाता राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आन्दोलन के अन्तर्गत पूरे भारत में गोप्रतिष्ठा ध्वज स्थापना यात्रा की थी और हर प्रदेश की जनता से अपील की कि हिन्दू लोग मतदान करने में भी पाप-पुण्य का विचार अवश्य करें। हमें बडी प्रसन्नता है कि राजनीति को धर्म से ऊपर समझे जाने वाले इस युग में भी महाराष्ट्र की जनता ने हमारी अपील को माना और गोभक्त शिन्दे को भारी मतों से विजयी बनाया।

गोमाता का महत्व समझना आवश्यक

इतिहास है कि गोमाता ने बड़े-बड़े चमत्कार किए हैं। जब तक देश में गोहत्या नहीं होती थी तब तक हमारा देश समृद्ध था। महाराष्ट्र की जनता ने समझा कि गोहत्या को बन्द कर देने से प्रदेश में समृद्धि आ सकती है। इस बात को हर हिन्दू को भी समझने की आवश्यकता है। यह गोमाता का ही प्रत्यक्ष आशीर्वाद है कि शिवसेना को इस बार हर बार से अधिक मत और प्रतिनिधि प्राप्त हुए।

शिन्दे ही मुख्यमन्त्री रहें तो अच्छा

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि महायुति की ओर से मुख्यमन्त्री कौन होगा यह महायुति में सम्मिलित राजनीतिक दलों का पारस्परिक मामला है लेकिन फिर भी एक तटस्थ दर्शक होने के नाते हमारी कामना है कि एकनाथ सम्भाजी राव शिन्दे को मुख्यमन्त्री के रूप में निरन्तर रखा जाना चाहिए क्योंकि यह ऐतिहासिक विजय उनके ही नेतृत्व में महायुति को प्राप्त हुई है और देश की बहुसंख्यक जनता का भरोसा उनमें परिलक्षित हुआ है। कहा कि इस तरह का वक्तव्य हम पहली बार दे रहे हैं क्योंकि जो कार्य गोमाता के सन्दर्भ में शिन्दे ने किया है वह देश का कोई राजनेता अब तक नहीं कर सका। महाराष्ट्र पहला ऐसा राज्य है जिसने देश के बहुसंख्यक हिन्दुओं की धार्मिक भावना को समझा और गौमाता को राज्य माता का दर्जा दिया। पत्रकारवार्ता के दौरान मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय मौजूद रहे।

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