
अब मकान के साथ दुकान बनाना संभव
उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी इलाकों में आवासीय भवनों के साथ दुकान बनाने की अनुमति दे दी है। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 24 मीटर तथा इससे कम आबादी वाले शहरों में 18 मीटर चौड़ी सड़कों पर यह निर्माण किया जा सकेगा।
100 वर्गमीटर आवासीय व 30 वर्गमीटर व्यवसायिक प्लॉट पर नक्शा पास कराना अनिवार्य नहीं
अब 100 वर्गमीटर आवासीय और 30 वर्गमीटर व्यवसायिक भूखंडों पर निर्माण के लिए नक्शा पास कराना अनिवार्य नहीं है। केवल संबंधित विकास प्राधिकरण में पंजीकरण के बाद निर्माण संभव होगा।
एफएआर बढ़ा, ऊंची इमारत का रास्ता साफ
45 मीटर चौड़ी सड़क पर एफएआर सीमा हटाई गई है। अन्य स्थानों पर इसे बढ़ाकर 2.25 से 2.5 किया गया है। इससे ऊंची इमारतों के निर्माण में आसानी होगी।
18 मीटर सड़क पर बनेंगे शॉपिंग मॉल
अब 18 मीटर चौड़ी सड़कों पर शॉपिंग मॉल बन सकेंगे। कृषि भूमि पर 7 मीटर चौड़ी सड़क पर उद्योग व हेरिटेज होटल, 9 मीटर सड़क पर प्राथमिक स्कूल और चिकित्सा प्रतिष्ठानों को मंजूरी मिलेगी।
सेवा प्रोफेशनल्स को बड़ी राहत
डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट, सीए आदि अपने आवास का 25% भाग कार्यालय के लिए उपयोग कर सकेंगे, यदि पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था हो।
भवन ऊंचाई की सीमा समाप्त
अब भवनों की ऊंचाई का निर्धारण एफएआर के अनुसार होगा। 15 मीटर से अधिक ऊंचे भवनों के लिए अग्रभाग पर 15 मीटर व अन्य तीन ओर 12 मीटर सेटबैक पर्याप्त होगा।
शॉपिंग मॉल व अस्पताल के लिए न्यूनतम 3000 वर्गमीटर भूखंड
चिकित्सालय और मॉल न्यूनतम 3000 वर्गमीटर भूखंड पर बनाए जा सकेंगे।
ग्रुप हाउसिंग की जमीन की सीमा घटी
ग्रुप हाउसिंग के लिए भूखंड का क्षेत्रफल घटाकर बिल्टअप क्षेत्र में 1000 वर्गमीटर व अनिर्मित क्षेत्र में 1500 वर्गमीटर कर दिया गया है। बहुइकाई भवनों के लिए यह 150 वर्गमीटर किया गया है।
4000 वर्गमीटर से बड़े भूखंडों के लिए अलग पार्किंग ब्लॉक अनिवार्य
बड़ी परियोजनाओं में पार्किंग के लिए पोडियम और मैकेनाइज्ड ट्रिपल स्टैक सिस्टम की अनुमति दी गई है। साथ ही 4000 वर्गमीटर से बड़े भूखंडों पर पृथक पार्किंग ब्लॉक अनिवार्य होगा।
स्वीकृत नक्शा ट्रस्ट-बेस्ड प्रणाली पर
500 वर्गमीटर आवासीय और 200 वर्गमीटर व्यवसायिक भूखंडों के लिए ट्रस्ट-बेस्ड प्रणाली से ऑनलाइन नक्शा स्वत: स्वीकृत माना जाएगा।
छोटे भूखंडों पर चिकित्सालय की भी मंजूरी
9 मीटर चौड़ी सड़क पर बिना शैय्या वाले चिकित्सालय और छोटे भूखंडों पर भी अस्पताल की अनुमति दी गई है। विद्यालयों में बस पार्किंग व पिक-ड्रॉप जोन के लिए भी प्रावधान होंगे।
नए नियमों से भवन निर्माण होगा सरल, पारदर्शी और आधुनिक शहरीकरण को मिलेगा बढ़ावा।