वाराणसी के मदनपुरा में सैकड़ों साल पुराने बंद मंदिर का कपाट खोला गया

मलबे से मिले तीन खंडित शिवलिंग, नगर निगम ने शुरू की सफाई

वाराणसी के मुस्लिम बहुल क्षेत्र मदनपुरा में सैकड़ों साल से बंद पड़े एक मंदिर का कपाट आज प्रशासन की मौजूदगी में खोला गया। मंदिर के अंदर मलबा भरा हुआ पाया गया, जिसे नगर निगम की टीम पुलिस और प्रशासन की निगरानी में हटाने का कार्य कर रही है। लंबे समय से बंद रहने के कारण मंदिर के गर्भगृह में मिट्टी और मलबा जमा था। अब तक हटाए गए मलबे से तीन खंडित शिवलिंग के अवशेष मिले हैं।

लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात

चूंकि यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल है, इसलिए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। एडीएम सिटी, डीसीपी काशी गौरव बंसवाल, एडीसीपी सरवन टी और अन्य अधिकारी स्वयं मौके पर उपस्थित हैं।

स्थानीय मुस्लिम और हिंदू समुदाय के बीच सहमति के बाद खोला गया मंदिर

बीते 15 दिसंबर को सनातन रक्षक दल ने इस बंद मंदिर के अस्तित्व का दावा किया था। इसके बाद लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। आज, प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय मुस्लिम और हिंदू समुदाय के बीच बातचीत कर सहमति बनाई। इसके बाद मंदिर का कपाट खोलकर सफाई का काम शुरू हुआ।

खंडित शिवलिंग का जलाभिषेक और पूजा संपन्न

मलबा हटाए जाने के दौरान तीन खंडित शिवलिंग मिले, जिनका सनातन रक्षक दल के सदस्यों ने जलाभिषेक कर “हर-हर महादेव” के उद्घोष के साथ पूजन किया। खरवास (अशुभ समय) समाप्त होने के बाद मंदिर के शिखर पूजन और नए शिवलिंग की प्राण-प्रतिष्ठा भी कराई जाएगी।

स्थानीय मुस्लिम समुदाय का बयान

स्थानीय मुस्लिम निवासियों ने बताया कि यह मंदिर उनके बचपन से ही बंद था। आज प्रशासन और सरकार ने इसे खोला। समुदाय के सदस्यों ने कहा, “हमसे राय-मशविरा लिया गया और हमें इससे कोई परेशानी नहीं है। अब मंदिर खुल गया है, तो लोग पूजा-पाठ करें।”

प्रशासन का बयान

एडीसीपी सरवन टी ने बताया कि लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है और शांति व्यवस्था कायम है। नगर निगम के कर्मचारी मंदिर के अंदर से मलबा हटाने का काम कर रहे हैं।

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