गंगा में उफान,कई जगहों पर चेतावनी बिंदु पर पहुँचा जलस्तर

वाराणसी(काशीवार्ता)। गंगा नदी में उफान के कारण यूपी के कई जिलों में जलस्तर बढ़ गया है। खासकर बलिया जिले में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार करके खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। वाराणसी में गंगा के 80 से अधिक घाट जलमग्न हो चुके हैं, जिनमें प्रसिद्ध अस्सी घाट और सुबह-ए-बनारस घाट भी शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश में मानसून अब पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। बुधवार को राज्य के 40 जिलों में औसतन 12 मिमी बारिश दर्ज की गई, और मौसम विभाग ने आज भी 31 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग के अनुसार, यह स्थिति 13 अगस्त तक बनी रह सकती है।

गंगा में बढ़ता जलस्तर

गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। वाराणसी में गंगा के घाटों के डूबने से जनजीवन प्रभावित हुआ है। लोग गंगा के पानी से बचने के लिए ऊंचे स्थानों पर जाने को मजबूर हैं। बलिया में स्थिति और भी गंभीर हो गई है, क्योंकि यहां जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है।

बारिश का प्रकोप

बीते कुछ दिनों से यूपी में लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने राज्य के 31 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इनमें प्रमुख रूप से बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी और ललितपुर शामिल हैं।

मौसम विज्ञानियों की चेतावनी

बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव के अनुसार, पूर्वांचल समेत उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी। उन्होंने बताया कि मानसून की ट्रफ लाइन सोनभद्र के चुर्क से गुजर रही है। आमतौर पर, ट्रफ लाइन के दक्षिण वाले क्षेत्रों में भारी बारिश होती है, लेकिन इस बार इसका असर यूपी के मैदानी इलाकों में भी देखा जा रहा है। इससे आने वाले दिनों में भी बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी की संभावना है।

सरकारी तैयारियाँ

सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी कर ली है। प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और नदी के पास जाने से बचें। राहत शिविर स्थापित किए जा रहे हैं, जहां लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। सरकार ने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट पर रहने और स्थिति पर लगातार नजर रखने का निर्देश दिया है।

जनजीवन पर प्रभाव

भारी बारिश और बाढ़ की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कों पर पानी भरने से यातायात प्रभावित हुआ है और कई जगहों पर जाम की स्थिति बन गई है। स्कूलों को बंद कर दिया गया है और कई क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति बाधित हुई है। किसान भी फसल को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि लगातार बारिश से फसल को नुकसान पहुंच सकता है।

बचाव और राहत कार्य

प्रशासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया है, जो बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और उन्हें भोजन एवं चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जलभराव वाले क्षेत्रों में विशेष पंपों के माध्यम से पानी निकासी का काम किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में मानसून की यह स्थिति लोगों के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय है। प्रशासन की कोशिश है कि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जाए और स्थिति को सामान्य किया जाए। लोग भी प्रशासन के निर्देशों का पालन कर रहे हैं और सुरक्षित रहने की कोशिश कर रहे हैं। आने वाले दिनों में मौसम की गतिविधियों पर करीबी नजर रखने की जरूरत है ताकि किसी भी आपात स्थिति से समय रहते निपटा जा सके।

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