पुलिस आयुक्त की मेहनत से इत्तेफाक नहीं रखते मातहत

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी से लोग परेशान, ट्रैफिक व थाने के पुलिसकर्मी अभी भी नहीं समझ पाए अपनी जिम्मेदारी

वाराणसी(काशीवार्ता)। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल की मेहनत से मातहत इत्तेफाक नहीं रखते। शहर को जाम और अतिक्रमण की समस्या से निजात दिलाने के लिए पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल खुद फील्ड में निकल जा रहे हैं। बनारस की पुलिसिंग में लंबे अरसे बाद ऐसा दिख रहा है जब जिला पुलिस के मुखिया को ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए खुद रोड पर उतरना पड़ रहा है। बावजूद इसके, अभी भी वाराणसी कमिश्नरेट की इलाकाई और ट्रैफिक पुलिस नहीं समझ पाई है कि जाम खत्म करने की जिम्मेदारी उन्हीं की है।

कमिश्नरेट के काशी और वरुणा जोन के कई ऐसे थाने हैं जहां एक दिन में दर्जन भर से अधिक बार जाम लगता है। मजाल है इलाकाई पुलिस जाम लगने वाली जगह सक्रिय हो जाए। लोग बताते हैं कि पुलिस आती जरूर है लेकिन ई-रिक्शा और ऑटो के नंबर लगाने वालों से अकेले में मुलाकात कर लौट जाती है। शहर के बेहाल ट्रैफिक व्यवस्था के पीछे ज्यादातर लोग इस अकेले वाली मीटिंग को भी जिम्मेदार मानते हैं।

शहर में यातायात व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। प्रमुख मार्गों पर अक्सर जाम की समस्या देखने को मिल रही है। जाम का सबसे बड़ा कारण अतिक्रमण और ई-रिक्शा हैं। ई-रिक्शा चालकों की मनमानी से काशीवासी परेशान हैं। शहर से लेकर देहात तक लगातार ई-रिक्शा की संख्या बढ़ती ही जा रही है, जिससे जाम की स्थिति काफी बढ़ गई है। ई-रिक्शा चालक मनमाने तरीके से वाहन को खड़ा करते हैं।

सवारी दिखते ही एकदम से ई-रिक्शा कहीं भी रोक देते हैं, जिसके चलते पीछे से आ रहे वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। शहर की बात की जाए तो अब तक कई लोगों को ई-रिक्शा के चलते चोटें भी लग चुकी हैं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से ई-रिक्शा पर लगाम लगाने के कई बार प्रयास किए गए। कई योजनाएं बनाई गईं, लेकिन सभी योजनाएं कागजों तक ही सिमट कर रह गईं। शहर में बढ़ रहे ई-रिक्शा चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।

इन जगहों की स्थिति ज्यादा खराब

कमिश्नरेट के जैतपुरा थाना क्षेत्र में सिटी रेलवे स्टेशन का बाहरी हिस्सा है। सुबह से लगायत रात तक किसी भी समय यहां चले आइए, ई-रिक्शों और आटो की वजह से सड़क जाम मिलेगी। यहां बड़ी बात यह की इलाकाई पुलिस को आज तक यह जाम नहीं दिखा। लंका का मालवीय चौराहा, आदमपुर का प्रह्लादघाट, पंचायतिया कुआं-अंसाराबाद मार्ग, कज्जाकपुरा चौराहा, सिगरा, कोतवाली थाना क्षेत्र की गलियां, नदेसर, पांडेयपुर और चेतगंज थाना क्षेत्र के कई मोहल्लों में ई-रिक्शों की वजह से पैदल चलने वालों तक को परेशानी होती है।

इससे पहले इन लोगों ने भी की कोशिश

वाराणसी में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद मोहित अग्रवाल यहां के तीसरे पुलिस मुखिया हैं। पुलिस कमिश्नरेट के पहले मुखिया थे ए. सतीश गणेश। दूसरे मुखिया मुथा अशोक जैन हुए। ट्रैफिक बेस पर ए. सतीश गणेश ने भी काम किया लेकिन आशा अनुरूप सफलता नहीं मिली। पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने से पहले वाराणसी में एसएसपी होते थे। यहां तैनात रहे पुलिस कप्तान में अनिल अग्रवाल, सत्यनारायण साबत, अजय मिश्रा और नितिन तिवारी ने ट्रैफिक फ्रंट पर बेहतरीन काम किया था।

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