
वाराणसी। पं.दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में मुख्य चिकित्साधीक्षक को हटाने की मांग को लेकर संघर्ष समिति ने चौथे दिन प्रांगण में धरना प्रदर्शन किया। चिकित्सकों व कर्मचारियों ने शासन-प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न किये जाने पर अपना विरोध दर्ज कराया। धरने का नेतृत्व एक्स-रे टेक्नीशियन राकेश कुमार सिंह और ईसीजी टेक्नीशियन राजेश कुमार श्रीवास्तव ने किया। धरने में डॉ. के.के. बरनवाल, डॉ. के.जे. पाण्डेय, डॉ. बृजेश यादव, डॉ. पी.के. सिंह, डॉ. प्रेम प्रकाश, डॉ. प्रितेश जायसवाल, डॉ. एस.के. अग्रवाल, डॉ. मनीष कुमार यादव सहित अन्य कर्मी शामिल रहे। विदित हो कि सीएमएस डॉ.दिग्विजय सिंह ने चिकित्सकों के ओपीडी में दलालों के बैठने व बाहर की दवा लिखने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है, तथा अस्पताल में वित्तीय कार्य करने हेतु किसी कर्मचारी की तैनाती न होने के कारण ब्लड बैंक में तैनात कर्मी से वित्तीय कार्य कराया जाता है। जिसके चलते चिकित्सक व कर्मी सीएमएस को हटाए जाने की मांग पर अड़े हैं।
मरीज हित में कार्य करना गुनाह है तो मैंने गुनाह किया-सीएमएस

दलालों को ओपीडी में बैठने से रोकना व बाहर की दवा लिखने पर रोक लगाया जाना सीएमएस के गले की फांस बनता नजर आ रहा है। चिकित्सक व कर्मी उन्हें हटाये जाने की मांग पर अड़े हैं। सीएमएस डॉ.दिग्विजय सिंह ने बताया कि विगत एक सप्ताह से अस्पताल के सोशल मीडिया ग्रुप पर सभी चिकित्सकों व कर्मचारियों की समस्याओं के निवारण हेतु सूचना प्रेषित कर बुलाया जा रहा है। परन्तु कुछ चिकित्सकों व कर्मियों को छोड़कर ज्यादातर चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ व कर्मचारी अपनी समस्याओं से अवगत करा रहे हैं जिनका निस्तारण किया जा रहा है। यदि शासन की मंसा के अनुरूप मरीज हित में कार्य करना गुनाह है तो मैंने गुनाह किया है।