वाराणसी में यातायात व्यवस्था सुधार हेतु उठाए गए कदम

वाराणसी प्राचीनतम धार्मिक नगरी होने के साथ ही शिक्षा, चिकित्सा और पर्यटन की दृष्टि से भी विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के जीर्णोद्धार के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है।

शहर में जाम की समस्या को देखते हुए पूर्व में चिन्हित स्थानों पर मार्गों का चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है। यातायात सुगम बनाने के लिए लगभग 86 कटों को बंद कराया गया है। मुंबई की तर्ज पर आटो-टोटो वाहनों से होने वाले जाम को रोकने हेतु पाण्डेयपुर, इंग्लिशिया लाइन, कचहरी और मछलीमंडी जैसे प्रमुख स्थानों पर अलग लेन बनाई गई है।

कमांड सेंटर द्वारा मलदहिया चौराहे पर रेड लाइट जम्प का चालान शुरू किया गया है। साथ ही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए शहर के 93 स्थानों पर साइन बोर्ड लगाए गए हैं। नमोघाट और राजघाट पर जाम की समस्या को दूर करने के लिए नमोघाट से भैसासुर घाट तक मार्ग को वन-वे किया गया है।

वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए फुलवरिया ओवरब्रिज तिराहा पर टायर कीलर/टायर ब्रस्टर लगाए गए हैं। इसके माध्यम से गलत दिशा (रॉन्ग साइड) से चलने वाले वाहनों को रोका जा सकेगा। यदि कोई वाहन चालक रॉन्ग साइड से जाने का प्रयास करेगा तो उसके वाहन का टायर स्वतः फट जाएगा।

अब सेन्ट्रल जेल तिराहे से बउलिया, मोहनसराय, प्रयागराज, मिर्जापुर आदि स्थानों की ओर जाने वाले वाहनों को फुलवरिया ओवरब्रिज तिराहा से लहरतारा चौराहा होते हुए दाहिने मार्ग का प्रयोग करना होगा।

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