वाराणसी(काशीवार्ता)। एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय की मोर्चरी लाशों से पटी पड़ी है। जिम्मेदारी से जिम्मेदार भाग रहे हैं। शवों से निकल रहे दुर्गंध से किराना मंडी के दुकानदारों, खरीदारी करने के लिए आने वालों और इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों का आना-जाना मुश्किल हो रहा है।
मोर्चरी के बगल में मौजूद दवा वितरण कांउटर से नाक-मुंह कपड़े से बांध कर किसी तरह से लोग अपने मरीजों के लिए दवा ले रहे हैं। किराना मंडी गोला दीनानाथ से खरीदारी करने वाले ग्राहकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अस्पताल प्रशासन के पुलिस मेमो में लिखा है कि गुरुवार को कैंट स्टेशन से गंभीर रूप से भर्ती लावारिश 95 वर्षिय वृद्ध को 14 जून को मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसकी मृत्यु 15 जून को हो गई थी। अस्पताल प्रशासन ने 16 जून को कोतवाली पुलिस को मेमो भेजा था।
शव का निस्तारण न होने पर अस्पताल प्रशासन ने 20 जून को पुलिस को पुनः सूचना दी। गुरुवार को बुजुर्ग के शव समेत आठ शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी से भेजा गया।
लाइन में अब भी नौ डेड बॉडी
सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को अस्पताल की मोर्चरी में 17 शव पड़े थे। नौ शवों का पोस्टमार्टम व निस्तारण शुक्रवार को 12 बजे तक नहीं हुआ था। आये दिन लावारिश शवों की हालत मोर्चरी में खराब होती रहती है। बताते चलें कि मोर्चरी में छह शवों का ही डीप फ्रीजर है। वाकी शवों को डीप फ्रिजर के बाहर रखने से शवों की दुर्दशा होती है। अस्पताल प्रशासन अब सच्चाई कहने से भी बचता फिर रहा है।