गोरखपुर – गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीमद्भागवत महापुराण की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसे सत्य और जीवन के रहस्यों को समझाने वाली कथा बताया। उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ न केवल मोक्ष का मार्ग दिखाता है, बल्कि यह सफलता और जीवन के परम सत्य तक पहुँचने की कथा है। श्रीमद्भागवत कथा हमारे जीवन की दैनिक, पारिवारिक, सामाजिक, और व्यावहारिक घटनाओं से भी जुड़ी है।
योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। यह कथा युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 55वीं और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 10वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने इसे ‘मोक्ष ग्रंथ’ बताते हुए कहा कि मोक्ष केवल जीवन से मुक्ति नहीं, बल्कि किसी भी क्षेत्र में पारंगत होने और सफलता के चरम तक पहुँचने का मार्ग भी है।
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा और भगवान श्रीराम की लीलाओं से जुड़ी कथाएं सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए सदियों से प्रेरणादायक रही हैं। यह कथा हमें अपनी विरासत और अतीत को समझने का अवसर भी प्रदान करती है।
श्रीमद्भागवत कथा: 5000 वर्षों से प्रेरणास्रोत
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण महाभारत के बाद वेदव्यास जी द्वारा रचित है। उन्होंने मनःशांति के लिए इस ग्रंथ की रचना की, जो आज भी सनातन धर्मावलंबियों के लिए मार्गदर्शक है। उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि इस ग्रंथ ने 5000 वर्षों से मानवीय सभ्यता, आध्यात्मिक उन्नयन और भौतिक विकास के रहस्यों को उद्घाटित किया है।
मोक्ष की प्राप्ति: अचानक नहीं मिलती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मोक्ष की प्राप्ति अचानक नहीं होती। इसके लिए धर्म का पालन और नैतिक रूप से अर्थोपार्जन करना आवश्यक है। श्रीमद्भागवत कथा मोक्ष प्राप्ति के रहस्यों को समझाने में मदद करती है, और इसे प्राप्त करने के लिए कामनाओं की सिद्धि जरूरी है।
धर्म का व्यापक अर्थ
सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म में पूजा पद्धति धर्म का केवल एक हिस्सा है, संपूर्ण धर्म नहीं। सनातन धर्म में जीवन के उतार-चढ़ाव को समान दृष्टि से देखने की क्षमता है। यही सनातन धर्म की व्यापकता है, जो किसी भी चुनौती में स्थिर रहती है।
शोभायात्रा और पूजा-अर्चना
कथा के शुभारंभ से पूर्व गोरखनाथ मंदिर से कथा स्थल तक वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रीमद्भागवत महापुराण की पोथी की शोभायात्रा निकाली गई। योगी आदित्यनाथ ने अखंड ज्योति स्थापित की और व्यासपीठ की पूजा की।
इस अवसर पर कई प्रमुख संत, यजमान और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।