
वाराणसी (काशीवार्ता)। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की न्यूनतम दूरी नीति को समाप्त करने के सरकार के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को जनपद के सभी जन औषधि केंद्र संचालकों ने दुकानें बंद रखकर विरोध दर्ज कराया। वाराणसी जन औषधि एसोसिएशन के आह्वान पर संचालकों का यह आंदोलन पिछले तीन दिनों से जारी है। संचालकों का कहना है कि यदि सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर तक ले जाया जाएगा। गौरतलब है कि पूर्व में सरकार ने जन औषधि केंद्रों के बीच न्यूनतम दूरी एक किलोमीटर निर्धारित कर रखी थी। इस नियम के चलते संचालकों को ग्राहकों तक दवाइयां पहुंचाने में सहूलियत रहती थी। मगर अब यह नीति समाप्त कर दी गई है, जिससे एक ही क्षेत्र में कई केंद्र खुल सकते हैं। संचालकों का कहना है कि इसका सीधा असर उनकी आय और कर्मचारियों के भविष्य पर पड़ेगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविन्द कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शुक्रवार को सभी दुकानों के बंद रहने से मरीजों को महंगी दवाएं खरीदनी पड़ीं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने निर्णय वापस नहीं लिया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। महामंत्री अनिमेष गुप्ता ने कहा कि सभी संचालकों ने स्वेच्छा से शुक्रवार को अपनी दुकानें बंद रखीं। बाद में संगठन के सदस्यों की एक बैठक लमही स्थित लान में हुई, जिसमें आंदोलन को आगे बढ़ाने की रणनीति बनाई गई। इस अवसर पर उपाध्यक्ष प्रवीन कुमार मौर्य, कोषाध्यक्ष अभिषेक पटेल, मीडिया प्रभारी अंजलि वर्मा, आलोक शर्मा, अनुराग श्रीवास्तव, रंजन सिंह सहित सभी केंद्र संचालक मौजूद रहे। पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि मरीजों के हितों को देखते हुए सरकारी केंद्र बंदी से मुक्त रखे गए।