भारतीय मंदिरों और पुराणों की महिमा का प्रतीक: शिवालय पार्क

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया निरीक्षण
प्रयागराज के नैनी स्थित अरैल में निर्माणाधीन शिवालय पार्क, भारतीय मंदिरों और पुराणों की महिमा को दर्शाने वाला एक अनूठा स्थल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को पार्क का निरीक्षण कर कार्य को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया। यह भव्य पार्क महादेव को समर्पित है और 11 एकड़ क्षेत्र में 14 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा है। शिवालय पार्क कला, प्रकृति और मनोरंजन का अद्भुत संगम प्रस्तुत करेगा। यह पार्क महाकुंभ के दौरान प्रयागराज की शोभा को और बढ़ाएगा।

भारत के मानचित्र के आकार में डिज़ाइन

शिवालय पार्क को भारत के नक्शे के आकार में डिज़ाइन किया गया है, जिसमें देश के सभी प्रमुख शिव मंदिर उनके वास्तविक स्थानों के अनुसार बनाए जा रहे हैं। यह तीर्थ यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा। पार्क में तुलसी वन और संजीवनी वन भी विकसित किए जा रहे हैं। बच्चों के लिए विशेष जोन और फूड कोर्ट भी इस पार्क का हिस्सा होंगे।

वेस्ट मटीरियल का उपयोग

इस परियोजना की खास बात यह है कि निर्माण में वेस्ट मटीरियल का अधिक उपयोग किया जा रहा है। पार्क के निर्माण और रख-रखाव की जिम्मेदारी जेड टेक इंडिया लिमिटेड को दी गई है, जो अगले तीन साल तक इसका प्रबंधन करेगा।

प्रमुख मंदिरों के प्रतिरूप

पार्क में देश के 12 ज्योतिर्लिंगों के साथ-साथ अन्य प्रमुख शिव मंदिरों के प्रतिरूप बनाए जा रहे हैं:

  • ज्योतिर्लिंग: सोमनाथ (गुजरात), मल्लिकार्जुन (आंध्र प्रदेश), महाकालेश्वर (मध्य प्रदेश), रामेश्वरम (तमिलनाडु), काशी विश्वनाथ (उत्तर प्रदेश), केदारनाथ (उत्तराखंड), त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र), ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश), नागेश्वर (गुजरात), भीमाशंकर (महाराष्ट्र), बैद्यनाथ (झारखंड), घृष्णेश्वर (महाराष्ट्र)।
  • अन्य शिव मंदिर: बैजनाथ (हिमाचल प्रदेश), पशुपतिनाथ (नेपाल), लिंगराज (ओडिशा), वीरभद्र (आंध्र प्रदेश), शोर मंदिर (तमिलनाडु)।

कला, प्रकृति और संस्कृति का संगम

शिवालय पार्क भारतीय संस्कृति, वास्तुकला और प्राकृतिक सौंदर्य का आदर्श उदाहरण होगा। यहां आगंतुकों को शिव भक्ति के साथ-साथ एक शैक्षणिक और सांस्कृतिक अनुभव मिलेगा। यह पार्क न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि भारतीय विरासत को भी संरक्षित करेगा।

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