काशीवार्ता न्यूज़।योगी सरकार उत्तर प्रदेश में 16 शक्तिपीठों पर ‘शक्ति महोत्सव’ का आयोजन करने जा रही है। यह महोत्सव सप्तमी और अष्टमी तिथि के अवसर पर आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के अनुसार, संस्कृति विभाग ने इस महोत्सव की तैयारियों को पूरा कर लिया है। यह आयोजन महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को प्रोत्साहित करने के मिशन शक्ति-5.0 के तहत किया जा रहा है।
आयोजन स्थलों की सूची
इस महोत्सव का आयोजन विभिन्न शक्तिपीठों और मंदिरों पर किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं:
- मां पाटेश्वरी मंदिर, देवीपाटन
- शीतला माता मंदिर, मैनपुरी
- मां वैष्णो देवी मंदिर, फिरोजाबाद
- मां काली माता मंदिर, झांसी
- मां कात्यायनी शक्तिपीठ, वृंदावन (मथुरा)
- अलोपी देवी शक्तिपीठ, प्रयागराज
- मां विंध्यवासिनी शक्तिपीठ, विंध्याचल
- नैमिषारण्य प्रभा स्थली, सीतापुर
- गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर
- शीतला चौकियाधाम, जौनपुर
- देवबंद, मां त्रिपुर बाला सुंदरी शक्तिपीठ, सहारनपुर
- कूड़ाधाम, फतेहपुर
- दुर्गा मंदिर, वाराणसी
- बड़ी देवकाली मंदिर, अयोध्या
- खत्री पहाड़, विंध्यवासिनी मंदिर, बांदा
- मां चंद्रिका देवी मंदिर, लखनऊ
- कालीबाड़ी मंदिर, लखनऊ
- रामगिरि शक्तिपीठ, चित्रकूट
महिला कलाकारों की प्रमुखता
मिशन शक्ति के अंतर्गत, इस महोत्सव में महिला कलाकारों को वरीयता दी जाएगी। विभिन्न सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों में प्रतिभागिता बढ़ाने के लिए महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उदाहरण के लिए, देवीपाटन में शेफाली पांडेय और आयुषी राज, मैनपुरी में शालिनी शर्मा, तथा झांसी में अभिलाषा शर्मा जैसी कलाकार कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगी।
आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन
इस महोत्सव में विभिन्न आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें कुंभ और नवदुर्गा के प्रसंगों पर आधारित नुक्कड़ नाटक शामिल होंगे। इसके अलावा, देवी गीतों और लोकनृत्य के माध्यम से आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया जाएगा।
नौदेवियों पर आधारित झांकीमय प्रस्तुतियां
महोत्सव में विशेष झांकीमय प्रस्तुतियों का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें नौदेवियों पर आधारित विशेष कार्यक्रम दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे। प्रदेश के लोक कलाकार इस दौरान दर्शकों को मनोरंजन और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेंगे।
योगी सरकार का ‘शक्ति महोत्सव’ महिला सशक्तिकरण, श्रद्धा और सम्मान का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा बल्कि समाज में महिलाओं की भूमिका को भी मजबूत करेगा। इस प्रकार के आयोजन से समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया जाएगा।