वाराणसी और उसके आसपास के पूर्वांचल क्षेत्रों में इस समय कड़ाके की ठंड और शीतलहर का जोरदार असर देखने को मिल रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी और पश्चिमी हवाओं में बढ़ती नमी की वजह से तापमान में तेजी से गिरावट आई है। दिसंबर के दूसरे सप्ताह में न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्षों के मुकाबले काफी कम है।
ठंड से बचने के लिए अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा
शीतलहर के प्रकोप से बचने के लिए लोग जगह-जगह अलाव जलाते हुए, गर्म कपड़ों और गर्म पेय पदार्थों का सहारा लेते नजर आ रहे हैं। खासकर सुबह और रात के समय जबर्दस्त ठंड का अनुभव हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह ठंड और अधिक महसूस की जा रही है, जहां तापमान रविवार को 7 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे रिकॉर्ड किया गया।
तापमान में लगातार गिरावट
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 18 से 36 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में 1-2 डिग्री की कमी दर्ज की गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 16 दिसंबर को वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों का न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान था। आने वाले दिनों में यानी 17, 18 और 20 दिसंबर तक न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे बना रहने की संभावना है।
धूप से ठंड में थोड़ी राहत
सुबह से शाम तक आसमान साफ रहने और अच्छी धूप निकलने की वजह से दिन के समय ठंड कुछ हद तक कम महसूस हो रही है। हालांकि, सूरज ढलते ही तापमान में गिरावट शुरू हो जाती है, जिससे शीतलहर और ठंड का असर और बढ़ जाता है।
दिसंबर के अंतिम सप्ताह में बढ़ेगा कोहरा और ठंड
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह में तापमान और गिरने की संभावना है। इस दौरान घने कोहरे और शीतलहर की स्थिति भी बढ़ सकती है, जिससे लोगों को ठंड से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। विशेषज्ञों ने खासतौर पर सुबह और रात के समय यात्रा करते समय सतर्क रहने की सलाह दी है।
पूर्वांचल में ठंड का यह मौसम लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। लोग ठंड से बचने के हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन गिरते तापमान और शीतलहर की वजह से परेशानियां लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में, सावधानी और गर्म कपड़ों के इस्तेमाल से ही ठंड से बचा जा सकता है।