वाराणसी(काशीवार्ता)।अस्सी घाट, सुबह-ए-बनारस के सामने छठ पूजा के पावन पर्व पर एक अनोखी पहल देखने को मिली, जहां आत्मनिर्भर बन रही महिलाओं ने अस्सी घाट पर उपस्थित सभी दर्शनार्थियों को नि:शुल्क चाय वितरित की। यह आयोजन “नई सुबह एक उम्मीद” नामक सामाजिक संस्था और “उत्थान महिला क्षेत्र स्तरीय समिति” के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन संस्था की अध्यक्ष ममता समाजसेविका और समाज सेविका संध्या पांडे द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल सेवा भावना को बढ़ावा देना था, बल्कि छठ पूजा के महत्व को जागरूकता के रूप में प्रस्तुत करना भी था। ममता जी ने बताया कि छठ पूजा का पर्व आस्था, श्रद्धा और पवित्रता का प्रतीक है, जो विशेष रूप से उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व में महिलाएं तीन दिनों तक कठोर व्रत रखती हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए छठ माता की पूजा करती हैं। छठ पूजा की परंपरा में महिलाएं सूर्य देवता और छठ माता को अर्घ्य देकर अपने परिवार और समाज के कल्याण के लिए प्रार्थना करती हैं। ममता जी के अनुसार, इस दौरान घाटों पर भारी भीड़ रहती है, और यह नि:शुल्क चाय वितरण उन दर्शनार्थियों की सेवा के लिए एक छोटा सा प्रयास है।
इस कार्यक्रम में “उत्थान महिला क्षेत्र स्तरीय समिति” की अध्यक्ष संध्या पांडे, अनुप कुमार पांडे, समाज सेविका सारिका दूबे ने भी अपना अहम योगदान दिया। नि:शुल्क चाय वितरण का यह आयोजन केवल सेवा भाव ही नहीं, बल्कि समाज में आत्मनिर्भरता और आपसी सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देता है।
संस्था के संस्थापक विजय कुमार, कार्तिक पारस, रितु सिंह, मोहम्मद अनीस, करम भारती, रामबाबू, मंगलेश्वर प्रसाद, प्रेम प्रकाश, नीतू, संजना, अंतिमा, नैना आदि ने इस पूरे कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन सभी सदस्यों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि दर्शनार्थियों को चाय वितरण का कार्य व्यवस्थित रूप से किया जा सके और इस प्रयास के माध्यम से आत्मनिर्भरता के साथ-साथ सेवा भावना का भी प्रचार-प्रसार हो सके।
यह आयोजन समाज में सेवा, सहयोग और आत्मनिर्भरता की मिसाल बनकर उभरा है। संस्था द्वारा इस प्रकार के सेवा कार्यों का आयोजन न केवल समाज में एक सकारात्मक प्रभाव डालता है, बल्कि अन्य महिलाओं को भी अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए प्रेरित करता है।