जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास बहुत आवश्यक-डॉ.हर्षित

स्व.डॉ. अश्वनी जैन

काशी के सितारे

वाराणसी। मनुष्य के पास दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो वह सब कुछ कर सकता है। इसलिए जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास बहुत आवश्यक है। जो केवल दृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति से ही प्राप्त हो सकता है। यदि ये दोनों गुण किसी के पास मौजूद है तो उसे लक्ष्य हासिल करने से कोई रोक नहीं सकता है। ऐसा ही कुछ डॉ.हर्षित जैन और उनकी पत्नी डॉ. आंचल अग्रवाल जैन के साथ हुआ। डॉ.हर्षित के पिता डॉ. अश्वनी जैन की गिनती जाने-माने चिकित्सकों में होती थी। उनके पास कोई मरीज आता था तो उसकी आधी बीमारी उनकी बातों से ही खत्म हो जाती थी, लेकिन कोविड-19 के दौरान 22 अक्टूबर 2020 को उनका देहावसान हो गया। कोरोना में मरीजों का इलाज करते 3 अक्टूबर को वे स्वयं इसकी चपेट में आ गये। उन्हीं के नक्शे कदम पर चलते हुए डॉ.हर्षित मरीजों की सेवा कर रहे हैं, इस कार्य मे उनका सहयोग स्त्री रोग विशेषज्ञ व उनकी पत्नी डॉ.आंचल अग्रवाल जैन करती हैं।

डॉ.हर्षित ने “काशीवार्ता” से विशेष बातचीत में बताया पिता डॉ.अश्वनी जैन ने 1986 में मलदहिया पर अपनी क्लिनिक शुरू की। जबकि हमारा पूरा परिवार व्यापार से जुड़ा है। लेकिन मेरे पिता लोगों की सेवा करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने मेडिकल का रास्ता चुना। डा. हर्षित को क्लिनिक पर पिता का साथ न मिलने का दुःख है। डॉ.हर्षित ने वर्ष 2006 में कोटा (राजस्थान) से इंटर की परीक्षा पास की। 2007 में सीपीएमटी की एंट्रेंस परीक्षा और ऐरा मेडिकल कालेज से एमबीबीएस में एमडी करने के उपरांत 2019 तक सर गंगा राम अस्पताल, नई दिल्ली में सीनियर रेजिडेंट के रूप में कार्य किया। 2020 जनवरी में परिणय सूत्र में बंध गये। तभी से आप क्लिनिक सँभाल रहे हैं। नावेल पढ़ने के शौक़ीन डॉ.हर्षित फुटबॉल, हॉकी व क्रिकेट के दीवाने हैं। नावेल पढ़ने का शौक आपको पिता से विरासत में मिला।


वहीं, महिला रोग व बांझपन विशेषज्ञ डॉ.आंचल अग्रवाल जैन की शुरुआती शिक्षा दीक्षा कैंटोनमेंट स्थित सेंट मेरिज कान्वेंट स्कूल से हुई।इसके बाद सेंट जॉन्स मड़ौली फिर 2014 में एमबीबीएस व 2019 में एमएस की परीक्षा जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज अलीगढ़ से पूरी की।आपके पिता गिरधर अग्रवाल बनारस के प्राचीन व मशहूर चम्पा लाल साड़ी के अधिष्ठाता हैं। शादी से पहले वे हेरिटेज मेडिकल कालेज में कार्यरत थी।लेकिन श्वसुर की मृत्यु होने के उपरांत उन्होंने नौकरी छोड़ दी। तथा क्लिनिक पर पति के साथ बैठने लगी। डा. आंचल मारवाड़ी हिंदू अस्पताल में चैरिटी के रूप में दो घंटे प्रतिदिन मरीजों को देखती हैं। डॉ.हर्षित भी 3 दिन मारवाड़ी हिंदू अस्पताल व 3 दिन राम कृष्ण मिशन अस्पताल में मरीजों को देखने जाते है।

पारिवारिक फोटो

चिकित्सक दंपत्ति मरीजों को देखने के लिए करते हैं चैरिटी

डॉ.हर्षित ने बताया कि 3 दिन मारवाड़ी हिंदू अस्पताल व 3 दिन राम कृष्ण मिशन अस्पताल में चैरिटी के रूप में मरीजों को देखने जाते है उसके पश्चात अपने क्लिनिक पर मरीजों को देखते हैं। कहा कि मेरी पत्नी डॉ. आंचल जो महिला रोग विशेषज्ञ हैं वो भी नवम्बर 2020 से प्रतिदिन दो घंटे मारवाड़ी हिंदू अस्पताल में मरीजों को देखती हैं।

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