
श्रद्धालुओं की प्राथमिकता संगम नोज
महाकुंभ के पहले अमृत स्नान मकर संक्रांति पर्व पर संगम नोज श्रद्धालुओं की पहली पसंद बना। लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम नोज पर आस्था की डुबकी लगाते देखे गए। अखाड़ों के संतों और गुरुओं ने भी संगम नोज के आरक्षित स्थानों पर स्नान किया। संगम नोज की बढ़ी हुई क्षमता और सुविधाओं ने साधु-संतों और श्रद्धालुओं को एक साथ स्नान का अवसर दिया।
26 हेक्टेयर क्षेत्र विस्तार से सुगम स्नान
सिंचाई विभाग की यांत्रिक शाखा, वाराणसी ने 85 दिनों के अथक प्रयासों से संगम नोज पर सुविधाओं में विस्तार किया। शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक 26 हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार किया गया, जिसमें से 2 हेक्टेयर क्षेत्र का विशेष विस्तार संगम नोज पर किया गया। इसके चलते अब संगम नोज की क्षमता 50,000 से बढ़कर 2 लाख श्रद्धालु प्रति घंटा हो गई है।
स्नान के लिए जुटी भीड़
13 जनवरी को पौष पूर्णिमा और 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अमृत स्नान पर संगम नोज पर करोड़ों श्रद्धालु पहुंचे। देर रात से ही संगम नोज पर स्नान करने वालों की भीड़ जुटने लगी। अनुमान है कि हर घंटे 3 लाख से अधिक श्रद्धालु संगम नोज पर स्नान कर रहे थे।
अस्थाई घाटों का निर्माण
सिंचाई विभाग ने संगम क्षेत्र में 1650 मीटर में बालू की बोरियों की सहायता से अस्थाई घाटों का निर्माण कराया। इस कार्य में चार अमेरिकन ड्रेजिंग मशीनों का इस्तेमाल किया गया। अधिशासी अभियंता सुजीत कुमार सिंह और उनकी टीम ने तीन शिफ्ट में काम कर 85 दिनों में इस परियोजना को पूरा किया।
तीन गुना बढ़ी स्नान क्षमता
सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता उपेंद्र सिंह ने बताया कि संगम नोज की क्षमता अब 2019 की तुलना में तीन गुना बढ़ गई है। इस विस्तार से संगम क्षेत्र में अधिक श्रद्धालुओं के स्नान को सुगम बनाया जा सका।
आस्था के संगम पर सफलता की मिसाल
संगम नोज पर क्षेत्र विस्तार और सुविधाओं के निर्माण ने श्रद्धालुओं की आस्था को नए आयाम दिए। महाकुंभ के इस अमृत स्नान पर्व ने एक बार फिर संगम नोज को आस्था और संगठन का प्रतीक बना दिया।