लखनऊ में 5-कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने परिवहन निगम एवं परिवहन विभाग को कई अहम निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने आरटीओ ऑफिसों में सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था करने पर जोर दिया। उन्होंने पासपोर्ट कार्यालय की तर्ज पर इन कार्यालयों में सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही। साथ ही, सारथी ऐप एवं पोर्टल की तरह फेसलेस सर्विसेज को बढ़ावा देने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अधिक से अधिक फेसलेस सेवाओं की शुरुआत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विशेष अभियान चलाकर स्कूली वाहनों के फिटनेस टेस्ट कराने के आदेश भी दिए ताकि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
डग्गामार वाहनों की समस्या पर ध्यान देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे वाहनों को सड़कों पर चलने नहीं दिया जाए और इन्हें जीरो प्वाइंट पर ही रोका जाए। इसके अलावा, अन्य राज्यों के ओवरलोडेड वाहनों को बॉर्डर पर ही रोकने के निर्देश भी दिए गए।
महाकुंभ के आयोजन को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने 7 हजार डेडीकेटेड बसों का संचालन करने की योजना बनाई है। उन्होंने नए बस स्टेशनों की डिजाइन में भारतीय संस्कृति की झलक दिखाने की बात कही।
सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी नियमों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए। इसके साथ ही, फर्जी लाइसेंस की समस्या पर सख्ती से कार्रवाई करने और आरटीओ ऑफिसों में बाहरी व्यक्तियों की उपस्थिति को नियंत्रित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के आरटीओ कार्यालयों को हाईटेक बनाने की भी बात कही।