हाल-ए-डीडीयू अस्पताल दलालों पर अंकुश और बाजार की दवाओं पर रोक लगाना सीएमएस को पड़ा भारी

स्वास्थ्य महानिदेशालय में संयुक्त निदेशक पद पर हुआ सीएमएस का स्थानांतरण, डॉ.बृजेश कुमार बने सीएमएस

डॉ.दिग्विजय सिंह की सख्ती से चिकित्सकों के निजी प्रैक्टिस से होने वाली कमाई पर लगा अंकुश

वाराणसी। डीडीयू अस्पताल में दलालों की गतिविधियों पर अंकुश और बाहरी बाजार से दवाओं की खरीद पर रोक लगाने की पहल सीएमएस डॉ. दिग्विजय सिंह को भारी पड़ गई। उनकी सख्ती से न केवल अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर लगाम लगी, बल्कि कई चिकित्सकों की निजी प्रैक्टिस पर भी रोक लगी। लेकिन उनकी सख्ती के कारण चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के बीच असंतोष फैल गया।

जिला प्रशासन की रिपोर्ट बनी कार्रवाई का आधार

डॉ. दिग्विजय सिंह की कार्यशैली और उनके कदमों को लेकर जिला प्रशासन ने एलआईयू व मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा दी गई रिपोर्ट को शासन भेजे जाने के बाद विगत 15 दिनों से ज्यादा दिन से सांकेतिक धरना दे रहे चिकित्सकों व कर्मियों के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए गैर जनपद स्थाननान्तरित करते हुए विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।

डॉ. बृजेश कुमार को मिला सीएमएस का प्रभार

डॉ.सिंह के स्थान पर डॉ. बृजेश कुमार को डीडीयू अस्पताल का नया मुख्य चिकित्साधीक्षक नियुक्त किया गया है। शासन ने डॉ.कुमार को निर्देशित किया है कि वे तत्काल कार्यभार ग्रहण कर शासन को सूचित करें। हालांकि तत्कालीन सीएमएस डॉ.दिग्विजय सिंह के स्थानांतरण से अस्पताल में कार्यरत कार्य करने वाले कर्मचारी दुखी हो गए और अस्पताल में चर्चाएं होने लगी कि शासन की मंशा के अनुरूप व्यवस्थाओं को बेहतर बनाना यदि गुनाह है तो कोई कैसे कार्य करेगा।

चर्चित चिकित्सकों का तबादला

डीडीयू अस्पताल में चल रही सख्ती के बीच धरने पर बैठे चर्चित चिकित्सकों का तबादला कर दिया गया। इसमें डॉ. पवन कुमार सिंह (महराजगंज), डॉ. के.जे. पाण्डेय (अम्बेडकरनगर), डॉ. के.के. बरनवाल (बलरामपुर), डॉ. शिवपूजन मौर्या (श्रावस्ती), और डॉ. आर.एन. सिंह (बांदा) के नाम शामिल हैं। स्थानान्तरित हुए चिकित्सकों को शासन की मंसा के अनुरूप अपर निदेशक के निर्देश पर शनिवार को ही सीएमएस ने अस्पताल से कार्यमुक्त करते हुए उनके आवास पर पत्र रिसीव कराया। जिन लोगों ने कार्यमुक्त का पत्र लेने से इंकार किया उनके घर पर पत्र चस्पा कराते हुए सूचना शासन को प्रेषित किया।

स्वास्थ्य कर्मियों पर भी गिरी गाज

संयुक्त सचिव अनिल कुमार ने महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को चर्चित नर्सिंग ऑफिसर सुनीता देवी, ईसीजी टेक्नीशियन राकेश कुमार श्रीवास्तव, और एक्स-रे टेक्नीशियन राकेश कुमार सिंह के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

एक माह में मांगी रिपोर्ट

संयुक्त सचिव अनिल कुमार ने महानिदेशक चिकित्त्सा एवं स्वास्थ्य को चर्चित नर्सिंग आफिसर सुनीता देवी, ईसीजी टेक्नीशियन राकेश कुमार श्रीवास्तव व एक्स-रे टेक्नीशियन राकेश कुमार सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ ही सभी धरनारत स्थानान्तरित चिकित्सकों के निजी प्रैक्टिस व कार्य प्रणाली की जांच कर एक माह में रिपोर्ट तलब की है।

बदलाव की उम्मीद

डॉ. दिग्विजय सिंह की सख्ती और इन स्थानांतरणों के बाद डीडीयू अस्पताल में व्यवस्था सुधार की उम्मीदें बढ़ी हैं। हालांकि, कर्मचारियों के बीच चल रही असंतोष की स्थिति अस्पताल प्रबंधन के लिए चुनौती बनी हुई है। अभी भी अस्पताल में कुछ अधिकारी व कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें चिन्हित कर उनका गैर जनपद स्थानांतरण किया जाना आवश्यक है, जिससे अस्पताल की व्यवस्थाओं का लाभ मरीजों को मिल सके।

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